Kanpur news: सात समुंदर पार से आए अफ्रीकी का हुआ इलाज, कूल्हे के दर्द से 12 वर्षों से था परेशान
Kanpur news: कानपुर के सत्या हॉस्पिटल में 12 वर्ष से कूल्हे के दर्द से परेशान अफ्रिकी फुटबाल खिलाड़ी का इलाज हुआ। बीमारी की वजह से उनके पैरों की लंबाई भी छोटी हो गई थी।
Kanpur News: पश्चिम अफ्रीकी से आए अंतराष्ट्रीय फुटबॉलर खिलाड़ी का कानपुर स्थित एक अस्पताल में कूल्हे का आपरेशन किया गया। जहां आपरेशन के बाद खिलाड़ी ने डॉक्टर के साथ उनकी टीम को सफल इलाज के लिए धन्यवाद बोला।
सत्या हॉस्पिटल में हुआ इलाज
पश्चिम अफ्रीकी देश के अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉलर खिलाड़ी कोंबा पिछले 12 वर्षों से कूल्हे का दर्द सहते आ रहे थे। इस दर्द के कारण खेल भी छूट गया और पैर तीन से चार सेंटीमीटर छोटा हो गया था। छोटी टांग होने के कारण चलने में बहुत दर्द होता था। वहीं कानपुर से सत्या हॉस्पिटल से इलाज कराकर अफ्रीका गए एक व्यक्ति ने इस इलाज के लिए सत्या हॉस्पिटल बर्रा के बारे में बताया। जहां कोंबा ने सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म से जानकारी कर डॉक्टर से बात की।
होली पर्व पर आए कानपुर
कोंबा ने बताया कि होली पर्व पर हॉस्पिटल आए थे। जहां दूसरे दिन ही सभी जांचे कर डाक्टरों की टीमों ने सफल इलाज किया। कोंबा दूसरे दिन ही खड़े हो गए। अपने को खड़ा देख भाव विभोर हो गए। आज वे एक हफ्ते के अंदर चलना शुरू कर चुके हैं। कोंबा ने बताया कि इन डॉक्टरों की टीम में एके अग्रवाल,सहयोगी डाक्टर हरी, देवेंद्र,अनस्थेसिया के डॉक्टर बवेजा, डॉक्टर रुचि थे। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस ऑपरेशन को करने में हर स्टेप पर डबल सुरक्षा लेकर चला। उनका बायां पैर जो की 4 सेंटी मीटर छोटा था, उसको बराबर कर दिया गया। सबसे आधुनिक सिरेमिक इंप्लांट का इस्तेमाल किया गया। खिलाड़ी को देख लार्ज हेड इस्तेमाल किया गया। किसी तरह का रीऐक्शन न हो इसलिए ऑटोलॉगस ब्लड ट्रैन्स्फ्यूजन किया गया।
सात समुंदर पार से आए मरीज का किया इलाज
डाक्टर ए के अग्रवाल ने बताया कि सात समुंदर पार से मरीज आया था। जो इस हॉस्पिटल से एक व्यक्ति के सफल हुए इलाज को देख यहां पहुंचा। इसका यहां आना बार बार संभव नहीं था। 40 से अधिक वर्षों तक चलने वाला जोड़ प्रत्यारोपण किया गया। वहीं विदेशीयों में इस तरह के सफल ऑपरेशन से कानपुर में अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल टूरिज्म की शुरुवात हो सकती है। कोंबा ने बताया कि वे इस ऑपरेशन के सफलता से बेहद प्रसन्न हैं। उनके कूल्हे का दर्द जाता रहा है। अब वे सो सकते हैं, चल सकते हैं, दौड सकते हैं। जिससे वे विगत 10 वर्षों से वंचित रहे। अब उनके दोनों पैर बराबर हैं, छोटे बड़े नहीं। वहीं कहा कि इलाज के लिए हमको तीन माह वीजा का इंतजार करना पड़ा। आपके माध्यम से कहना है कि मेडिकल वीज़ा जल्द दिए जाए, जिससे मेडिकल टुरिजम में बढ़ोतरी हो इससे न केवल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा। साथ ही साथ भारत की साख विदेशों में बढ़ेगी।