Kanpur News: कुशाग्र हत्याकांड में एक और खुलासा, इन दो वजहों के चलते प्रभात ने की हत्या, रचिता भी थी मौजूद
Kanpur News: कुशाग्र की हत्या को अंजाम देने के लिए ट्यूशन टीचर कुशाग्र के बर्थडे पर ही किडनैपिंग और हत्या की साजिश रची थी। टीचर ने ही ब्वॉयफ्रेंड प्रभात की दोस्ती कुशाग्र से कराई थी।
Kanpur News: जिले में कपड़ा कारोबारी के 16 साल के बेटे कुशाग्र की हत्या को अंजाम देने के लिए ट्यूशन टीचर कुशाग्र के बर्थडे पर ही किडनैपिंग और हत्या की साजिश रची थी। टीचर ने ही ब्वॉयफ्रेंड प्रभात की दोस्ती कुशाग्र से कराई थी और प्रभात के साथ बर्थडे में पहुंची थी।
44 मिनट में कर दी हत्या
महिला टीचर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ 4 साल से लिव-इन में रह रही थी। फिरौती की रकम से शादी करने और फिर हिमाचल में ऐश करने का प्लान था। अपहरण फिर हत्या इस कांड को प्रेमी और उसके दोस्तों ने अंजाम दिया। लेकीन होमगार्ड के दिमाग के आगे आरोपियों की प्लानिंग टिक नहीं सकी और पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर लिया।
अपहरण और हत्याकांड की पूरी कहानी
पुलिस ने बताया कि रात करीब 8ः30 बजे आचार्य नगर में रहने वाले कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 वर्षीय बेटे कुशाग्र के अपहरण और 30 लाख फिरौती की सूचना परिवार द्वारा मिली। टीम के साथ जांच-पड़ताल शुरू की तो स्कूटी के नंबर से जांच की सुई ट्यूशन टीचर रचिता वत्स की तरफ घूम गई। पुलिस ने कुछ घंटो में टीचर के प्रेमी प्रभात शुक्ला के घर के दीवार से बनी कोठरी से छात्र का शव बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में हत्या की आरोपी ट्यूशन टीचर रचिता टूट गई और रोने लगी, जबकि प्रभात काफ़ी देर तक नहीं टूटा था। रचिता ने बताया कि वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली है। उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। करीब चार साल पहले प्रभात शुक्ला के घर पर रहने के दौरान दोनों के बीच दोस्ती और फिर प्यार हो गया।
बर्थडे बन गया काल
प्रभात ने बीएससी किया था और छोटा सा फेरी का काम करता था। कमाई न होने पर वह काम बंद कर दिया। शादी करना मुश्किल था। लिव-इन में रहने के चलते आस पास के लोग दोनों को ताना मारा करते थे। 13 अक्टूबर को कुशाग्र का जन्मदिन था। जहां जन्मदिन पर रचिता को बुलाया गया था। इस पर रचिता अपने प्रेमी प्रभात के साथ कुशाग्र के साथ पहुंच गई। बर्थडे पर घर की चकाचौंध देखकर प्रभात ने कुशाग्र को अपने निशाने पर ले लिया।
जन्मदिन पर कुशाग्र का घर देख बना लिया प्लान
जब दोनों पार्टी के बाद अपने घर आए तो प्रभात शुक्ला ने सोचा कि अगर हम लोग कुशाग्र का अपहरण करके 30 लाख का इंतजाम कर लें। अपहरण की रकम मिलते ही हिमाचल भाग चलेंगे। इस पर रचिता ने भी हामी भर दी। इसके बाद प्रभात ने कुशाग्र के घर की रेकी शुरू की। वहीं रचिता भी कुशाग्र के घर में इनकम को लेकर तमाम सारी जानकारी ली। वहीं इस प्लान में अपने दोस्त शिवा गुप्ता को शामिल किया। शिवा गुप्ता उर्फ आर्यन जो बगल में ही निवास करता है।
अपहरण की रकम से खरीदनी थी कार
दोनों ने प्लानिंग कर ली थी। जरीब चौकी स्थित कार के शोरूम में कार देख ली थी। एक कार को देखने के बाद फाइनल कर लिया था। अपहरण की रकम मिलते ही उसका एडवांस पेमेंट कर कार उठानी थी। सभी दस्तावेज शोरूम में जमा कर दिए थे।
ज्यादा नजदीकिया बनी हत्या की वजह
रचिता ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर कुशाग्र के अपहरण और हत्याकांड को अंजाम दिया। सबसे पहले रचिता का नाम आया तो परिवार के लोगों ने पुलिस से मना कर दिया कि वो ऐसा नहीं कर सकती है। वह मेरे परिवार में बेटी जैसी है। उन्हें क्या पता था कि किसी को घर में इस हद तक शामिल करना या नजदीक लाना ही उनके परिवार के लिए घातक साबित हो जाएगा। जहां बेटी की तरह मानकर उसकी शादी करने का विचार बनाया। उसी ने सीने पर छुरा घोंप दिया।
आवाज तो आई होगी लेकिन बोलने को तैयार नहीं
घटना का समय देर शाम जब हर कोई हर कार्य करता दिखता है। हाते में करीब एक दर्जन परिवार और किसी को हत्या करते समय छात्र की आवाज न हुई हो। जो किसी ने सुनी नहीं। लेकिन कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ। वहीं जिस कोठरी में हत्या की गयी उसमें लेब्रा डोर डॉग प्रभात रखता था। हत्या करने के पहले डॉग को भी प्रभात ने अपने मेन घर में कर लिया। जिससे वह हत्या करते समय भौंकने न लगे और घटना की जानकारी किसी और को न हो जाएं। कुशाग्र की हत्या प्रभात ने नारियल की रस्सी से गला दबाकर कर दी और हाथ-पैर बांध दिए और बॉडी पर चादर डाल दिया।
हत्या के समय टीचर प्रभात के घर में थी मौजूद
जिस टीचर को कुशाग्र के परिजन बेटी की तरह मानते थे। वहीं टीचर हत्या के समय प्रेमी प्रभात के घर में मौजूद थी। हत्या होते समय टीचर का दिल बिल्कुल नहीं पसीजा। जिसको कई वर्षों तक पढ़ाया। उसके परिजनों ने घर का सदस्य माना। उसी ने हत्या होते समय अपने दिल को इतना कठोर कर लिया कि अपने पढ़ाए हुए छात्र की हत्या करवा दी। प्रभात सट्टेबाजी में बर्बाद हो चुका था। काफी लोगों से ब्याज पर पैसा भी लिए था। आरोपी प्रभात कुछ दिन पहले सट्टे में काफी रुपये हार गया था। इसलिए कर्ज उतारने को लेकर प्रभात ने कुशाग्र का अपहरण करने की योजना बनाई थी। प्रभात और शिवा ने ये भी तय किया था।
दो पेज का लेटर, अल्लाह पर भरोसा रखो...
मैं नहीं चाहता कि आपका त्योहार बर्बाद हो, आप मेरे हाथ में पैसे रखो और लड़का 1 घंटे बाद आपके पास होगा। अल्लाह हू अकबर... इस लड़के की गाड़ी और मोबाइल दोनों आपके घर के पास होटल सिटी क्लब के सामने खड़ी है । मैं आपका नुकसान नहीं चाहता। आपसे बार-बार बोल रहा हूं कि घबराओ नहीं अल्लाह पर भरोसा रखो।
आपसे निवेदन है कि आप ये बात पुलिस न ही अपनी लखनऊ वाली फैमिली न ही अपने अगल-बगल किसी को बताएं कि हमने कुशाग्र को किडनैप कर लिया है। आपके पास दो या तीन दिन का समय है। आप जल्दी से 30 लाख रुपए का इंतजाम कर लो और अगर ये बात कहीं फैली तो इसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे। जल्दी से 30 लाख रुपए का इंतजाम करो और अपना बच्चा 1 घंटे बाद घर में देखो, और पैसे लेकर रात में 2 बजे कोकाकोला चौराहे पर मिलो।
मैं पैसे लेने आऊंगा, जैसे ही पैसे मेरे पास आएंगे उसके ठीक 1 घंटे बाद लड़का आपके पास होगा। और पैसे का इंतजाम हो जाए तो घर पर चारो तरफ पूजन वाले झंडे लगा देना। मैं देख लूंगा इसके बाद आपको फोन करूंगा और कोई भी होशियारी हुई तो इसके जिम्मेदार आपस स्वयं होंगे। मेरी नजर आपके घर पर ही होगी, कोई भी बात बाहर पता चली तो आप ध्यान रखना, और आप बिल्कुल भी घबराओ नहीं, आपका लड़का बिल्कुल सही सलामत घर पहुंच जाएगा। उसकी जिम्मेदारी आपके ऊपर है।
मृतक का परिवार
कारोबारी मनीष कनोडिया का सूरत से लेकर कानपुर और लखनऊ तक साड़ी का बड़ा कारोबार है। मनीष के घर में पत्नी सोनिया कनोडिया, सबसे बड़ा बेटा 10वीं में पढ़ने वाला आर्यन कनोडिया था। दूसरे नंबर पर 12 साल का बेटा आदि और 6 महीने की बेटी आरू है।