IPS Arun Dev Gautam: छत्तीसगढ़ के नये पुलिस मुखिया का यूपी से है खास कनेक्शन, कौन हैं आईपीएस अरूणदेव गौतम

IPS Arun Dev Gautam: छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। दो जुलाई 1967 को कानपुर में स्थित अभयपुर गांव में हुआ है।;

Update:2025-02-05 16:12 IST
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IPS Arun Dev Gautam: छत्तीसगढ़ सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव गौतम को पुलिस का नया मुखिया बनाया है। वह छत्तीसगढ़ के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाये गये है। श्री गौतम आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा की जगह लेंगे। श्री जुनेजा की सेवानिवृत्ति के बाद अरूण देव गौतम को पुलिस की कमान सौंपी गयी है। आईपीएस अधिकारी अरूणदेव गौतम के डीजीपी बनने की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के अभयपुर के लोगों को मिली। पूरा गांव में जश्न के माहौल हो गया।

अभयपुर में रहने वाले लोगों को खुशी में आतिशबाजी की, मिठाइयां बांटी और सुंदरकांड भी कराया। अरूणदेव गौतम की गिनती तेज तर्रार आईपीएस अफसरों में होती है। अरुणदेव गौतम अनुभवी आईपीएस अफसर हैं। वह छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे के कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राज्य में उनकी छवि सख्त प्रशासन कार्यवाही और अपराध नियंत्रण करने वाले के रूप में होती है। आईपीएस अरुणदेव गौतम उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके हैं।

कौन हैं आईपीएस अरूणदेव गौतम

छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। दो जुलाई 1967 को कानपुर में स्थित अभयपुर गांव में हुआ है। वह बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होशियार थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव के ही परिषदीय विद्यालय से हुई। इसके बाद कक्षा नौ और दस की पढ़ाई उन्होंने सेवा समिति विद्यालय मंदिर इंटर कॉलेज प्रयागराज से की। जीआईसी प्रयागराज से अरूणदेव गौतम ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और जेएनयू नई दिल्ली से परास्नातक की डिग्री हासिल की।

पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी। अपनी मेहनत और लगन के दम पर अरूणदेव गौतम साल 1992 में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस अफसर बन गये। 12 अक्टूबर 1992 को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पुलिस सर्विस ज्वाइन किया। श्री गौतम को पहले मध्यप्रदेश कैडर दिया गया था। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर वह जबलपुर में तैनात हुए। इसके बाद वह बिलासपुर जनपद में सीएसपी बने। वहां से उनकी तैनाती एसडीओपी कवर्धा हुर्ठ। कवर्धा के बाद आईपीएस अरूणदेव गौतम को एडिशनल एसपी भोपाल बनाया गया। वह एमपी पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।

बतौर पुलिस अधीक्षक उनकी भोपाल में पहली तैनाती हुई थी। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के बनने के बाद आईपीएस अरुण देव गौतम को छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट कर दिया गया। छत्तीसगढ़ में वह कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनंदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जनपद के पुलिस अधीक्षक पद का दायित्व संभाल चुके हैं। इसके साथ ही डीआईजी बनने के बाद आईपीएस अरूणदेव गौतम पुलिस हेडक्वाटर, सीआईडी, वित्त और योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

साल 2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में 29 पुलिसकर्मियों व पुलिस अधीक्षक के शहीद हो जाने के बाद आईपीएस अरुण देव गौतम को वहां का पुलिस अधीक्षक बनाया गया। वहां उन्होंने नक्सलियों को धूल चटाई। आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को उत्कृष्ट कार्यो के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक के साथ ही 2010 में भारतीय पुलिस पदक, 2018 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

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