Kanpur News: जीजा-साले चला रहे थे ठगी का काल सेंटर, दो युवतियों के साथ गिरफ्तार

Kanpur News: पहले जीजा ने सीखा साइबर ठगी का तरीका फिर साले को ठगी का एक्सपर्ट बनाया। कानपुर जिले के कोचिंग मंडी वाले क्षेत्र काकादेव में फर्जी कॉल सेन्टर चल रहा था।

Report :  Anup Pandey
Update: 2024-07-11 16:15 GMT

जीजा-साले चला रहे थे ठगी का काल सेंटर, दो युवतियों के साथ गिरफ्तार: Photo- Newstrack

Kanpur News: कानपुर में फर्जी कॉल सेन्टर चलाकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने व रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने के नाम पर क्रेडिट कार्ड धारकों से अंर्तराज्यीय साइबर ठगी करने वाले जीजा-साले और दो युवतियों को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी साइबर ठगी की शिकायतें है। पहले जीजा ने सीखा साइबर ठगी का तरीका फिर साले को ठगी का एक्सपर्ट बनाया। कानपुर जिले के कोचिंग मंडी वाले क्षेत्र काकादेव में फर्जी कॉल सेन्टर चल रहा था। जिसमें ठगी की रकम सीधे दिल्ली, बिहार, उडीसा आदि राज्यों में ट्रांसफर कर देते थे।

जीजा साले ठगी का कॉल सेंटर

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्वत ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 9 जुलाई 2024 को गाजियाबाद निवासी कोविद भारद्वाज ने साइबर थाने में 1.75 लाख की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उनके पास इंडसइंड बैंक का क्रेडिट कार्ड है।घटनाक्रम के अनुसार वादी को अज्ञात मोबाइल नम्बर से महिला द्वारा काल करके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने व रिवार्ड प्वाइंट को रिडीम करने के नाम पर क्रेडिट कार्ड का नम्बर, एक्सपायरी डेट, सीवीवी नम्बर व ओटीपी प्राप्त कर क्रेडिट कार्ड से 1,72,810/- रू0 की धोखाधड़ी कर ली गई। वहीं रूपए कटते ही साइबर ठग ने अपना फ़ोन स्विच ऑफ कर लिया। जिसके बाद कोविंद को ठगी का एहसास हुआ। जहां बीते 9 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई।


जीजा साले और दो युवती गिरफ़्तार

जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले मास्टर माइंड अभिषेक प्रताप सिहं पुत्र रामेन्द्र प्रताप निवासी आवास विकास हंसपुरम नौबस्ता, अरूण प्रताप सिहं पुत्र करन सिंह निवासी गोवा गार्डन कल्याणपुर,विभा सिंह पत्नी सुरेन्द्र सिंह तोमर रावतपुर गाँव,शिवांशी सविता पुत्री सुनील कुमार सविता निवासी नई बस्ती आदर्श नगर रावतपुर गाँव है। ठगी के कॉल सेंटर के आगे डॉग और कैट फूड सेंटर चलाते थे। जिससे किसी को कॉल सेंटर के बारे में पता न चल पाएं। जहां पुलिस ने इन चारों को अरेस्ट कर लिया।

अपराध करने का तरीका

साइबर अपराधी शोभा टावर, सर्वोदय नगर, काकादेव कानपुर नगर के 3 फ्लोर पर फर्जी काल सेन्टर संचालित कर इण्डसइण्ड बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों को फोन करते थे।और उन्हे क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइन्ट्स रिडीम करने के लिए 8 से 10 हजार रूपए के गिफ्ट वाउचर देने लालच देकर लोगो से उनके क्रेडिट कार्ड का डीटेल्स लेकर ओटीपी माँग लेते थे या फिर किसी थर्ड पार्टी एप को डाउनलोड कराकर खुद ओटीपी प्राप्त कर लेते थे। क्रेडिट कार्ड से एकाउंट में पैसे डालने के लिए विभिन्न पेमेन्ट सर्विस एप (नोब्रोकर/फोनपे/हाउजिंगडाटकाम मोबिक्विक आदि) का उपयोग करके फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।

गिरफ्तार अभियुक्त अरूण ने दिल्ली में रहकर कॉल सेन्टर में दो साल काम किया था। अरुण वर्ष 2018 में साइबर फ्राड करने के मामले में तिहाड़ जेल जा चुका है। 2020 में कानपुर वापस चला आया। दिल्ली में ही इस काम के बारे में सीखा था बाद में कानपुर में आकर काम शुरू किया और बाद में अपने साले अभिषेक जो घर पर ही रहता था और कोई काम नही करता था जिसे अरूण ने इस काम को करने के लिए ट्रेंड किया और अपने साथ ले लिया और यह लोग मिलकर कॉल सेन्टर चलाकर घटना को अन्जाम देते थे। इनके द्वारा अब तक 3 वर्ष में सम्पूर्ण भारत में करोडों रूपये की ठगी की गयी है।

बरामदगी का विवरण-

11 अदद मोबाइल (05 नोकिया कीपैड फोन व 06 स्मार्टफोन),1 अदद डेल कम्पनी का लैपटाप,21 अदद विभिन्न कम्पनियों के सिमकार्ड,1 अदद पेन ड्राइव,1 अदद स्टाम्प मुहर,16 अदद डेबिट/क्रेडिट कार्ड व आधार/ पेन कार्ड/डीएल,05 अदद नोटबुक रजिस्टर बरामद हुए।

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