Kanpur News: GSVM मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस से मांगी सुरक्षा

Kanpur News: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला को अपने ही संस्थान के पूर्व कर्मचारी से जान का खतरा है। प्राचार्य ने डीएम व पुलिस आयुक्त से सुरक्षा मांगी है।

Report :  Anup Pandey
Update:2023-12-10 15:20 IST

GSVM मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को मिली जान से मारने की धमकी (न्यूजट्रैक)

Kanpur News: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला को अपने ही संस्थान के पूर्व कर्मचारी से जान का खतरा है। किसी समय अनहोनी का डर और चिंता के कारण डीएम व पुलिस आयुक्त से सुरक्षा मांगी है। डॉ. काला ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले चेस्ट हॉस्पिटल के एक वार्ड ब्वॉय ने उन्हें जान से मारने व गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। अस्पताल में एक बच्चे की मौत से उस कर्मचारी ने कई डॉक्टरों व कर्मचारियों के सामने अपशब्द का इस्तेमाल व बदसलूकी की थी। इस बात को लेकर उसे नौकरी से हटा दिया था। दुबारा नौकरी को लेकर उस कर्मचारी ने शहर के नामचीन लोगों से फोन कराकर दोबारा नौकरी में रखने का दबाव भी बनाया। जब फोन पर मना कर दिया तो उन्हें फिर से धमकी दी। कर्मचारी के खिलाफ स्वरुप नगर थाने में तहरीर भी दी। लेकिन पुलिस ने कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर एफआईआर तक दर्ज नहीं की है।

FIR नहीं हुई तो बोले-औरों की क्या बात सुनी जाती होगी

प्राचार्य डॉ. संजय काला काफी हताश हैं। उनका कहना है जब देश-प्रदेश के इतने बड़े मेडिकल कॉलेज का प्राचार्य सुरक्षित नहीं है तो औरों की बात क्या सुनी जाती होगी। पुलिस की कार्यशैली को देख बोले किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्राचार्य अपनी सुरक्षा को लेकर असलहा के लाइसेंस के लिए आवेदन भी करेंगे। लेकिन हम लोगों को इसकी जरूरत नहीं है। मजबूरी में लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। वहीं 20 दिन पहले महिला मरीज के तीमारदारों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ बदसलूकी व मारपीट की थी। सीसीटीवी फुटेज के साथ पुलिस को तहरीर दी गई,कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पुलिसकर्मी पर भड़के प्राचार्य

अभियुक्तों संग आई पुलिसकर्मियों को प्राचार्य ने डांटकर भगा दिया। इस पर पुलिसकर्मियों ने आलाधिकारियों से शिकायत की। प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने उनके साथ अभद्रता की। प्रिंसिपल का कहना है कि पुलिस भी डॉक्टर की तहरीर पर मुकदमे नहीं दर्ज करती है। डॉक्टरों के पास काम का अतिरिक्त बोझ था इसीलिए मेडिकल कहीं और से कराने को कहा गया था। अभद्रता नहीं की गई थी। हैलट में कभी कभी काकादेव, फजलगंज, नवाबगंज और गोविंद नगर के सिपाही गिरफ्तार अभियुक्तों को मेडिकल को लेकर पहुंचे थे। जो शहर के अन्य अस्पतालों को छोड़कर पुलिसकर्मी हैलट आ जाते हैं। इसके चलते एक डॉक्टर केवल मेडिकल में ही व्यस्त रहता है।

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