Kanpur News: टायलेट करने गए रेलवे कर्मी पर बंदरो ने बोला हमला, छत से कूदने से हुई मौत
Kanpur News: अपने आप को बचाने के लिए रेलवेकर्मी कॉलोनी की छत से कूद गया। परिजन गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले गए जहां मौत हो गई।
Kanpur News: बंदरों के आतंक से एक रेलवेकर्मी घायल हो गया था। जिसकी देर रात मौत हो गई। युवक देर रात छत पर टॉयलेट करने गया था। तभी बंदरों ने हमला बोल दिया। अपने आप को बचाने के लिए रेलवेकर्मी कॉलोनी की छत से कूद गया। परिजन गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले गए जहां मौत हो गई।
टॉयलेट करने गया था रेलवे कर्मी
बाबूपुरवा कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय तोताराम रायवार रेलवे में सीनियर टेक्नीशियन थे। वह पत्नी पुष्पलता और बेटी कल्पना संग रह रहे थे। बेटी कल्पना ने बताया कि रविवार रात वह खाना खाकर सो गए। देर रात पापा टॉयलेट करने छत पर गए। इसी दौरान वहां मौजूद बंदरों ने उनपर हमला बोल दिया। बचाने के चलते वह छत से नीचे आंगन में कूद गए। तेज आवाज सुनकर मां और मैं बाहर आईं तो वह आंगन में अचेत पड़े थे। और बंदर चिल्ला रहे थे। शोर होने पर पड़ोसियों की मदद से वह उन्हें रीजेंसी अस्पताल ले गईं जहां से उन्हें हैलट रेफर कर दिया गया। हैलट में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस को दी गई जानकारी
बाबूपुरवा थाना प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि परिजनों ने छत से गिरने की जानकारी दी है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड इंजरी से मौत की पुष्टि हुई। वहीं मौत से पत्नी और बेटी का रो रो कर बुरा हाल है।
बंदरो का पूरे इलाके में आतंक
इलाके में करीब दो हज़ार बंदरों की फौज है।कॉलोनी के लोगों ने बताया कि बाबूपुरवा कॉलोनी में बंदरों का आतंक है। आए दिन बंदरों के हमले से कोई न कोई घायल हो जाता है। शिकायत के बाद भी नगर निगम द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है।बंदर किसी भी व्यक्ति को अकेला पाकर हमलावर हो जाते हैं। जिसके चलते लोग घरों में रहने को कैद हैं। कई बार क्षेत्रीय पार्षद से भी मामले की शिकायत की लेकिन कोई कुछ नहीं करता।
शहर में बंदरो के आतंक से लोग घरों में लगाए है जाली
नौबस्ता, किदवई नगर, जूही, पनकी, बाबूपुरवा इलाकों में लोग बंदरो के आतंक से घरों में जाली लगाए है। बंदर घर की छत पर रखा सामान कपड़े उठा ले जाते है। बंदर तारों पर झूलते है। जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो जाते है। होली के दिनों पापड़ बनाने के बाद लाठी लेकर बैठना पड़ता है। बच्चें स्कूल की छुट्टी करते है। तब कुछ बना पाते है। रिश्तेदार आने से डरते है। पार्कों में जाना दूभर है।
बंदरों के कारण हुईं कुछ घटनाएं :
14 जुलाई 2013 को बादशाही नाका के पचकूला गली में अवधेश सिंह की बंदरों के दौड़ाने पर छत से गिरकर मौत।
-फरवरी 2015 में रेलवे कालोनी गोविंद नगर में छह बच्चों को काटा।
-मई 2015 में कौशलपुरी में एक व्यक्ति की गई जान।
-जुलाई 2016 में किदवई नगर में दो बच्चों को काटा।
-दिसंबर 2017 में बर्रा में दो छात्राएं व एक बच्चा छत से कूदा।
-जनवरी 2017 में रेलबाजार में महिला छत से गिरी।