Kanpur News: कोर्ट का फरमान, चार आरोपियों को आजीवन कारावास, मासूम का कलेजा खाने का था मामला

Kanpur News: पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव के परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को पकड़ा। और पूछताछ में पता चला कि शादी के 19 साल बाद भी यह दंपत्ति के कोई संतान नहीं थी।

Report :  Anup Pandey
Update:2023-12-16 21:48 IST

Kanpur News (Pic:Newstrack)

Kanpur News: घाटमपुर में मासूम का कलेजा खाने वाले दंपति समेत चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। तांत्रिक के कहने पर बच्ची की हत्या कर कलेजा खाने के मामले में दंपति समेत चार लोग दोषी पाए गए हैं। स्पेशल जज पाक्सो ने चारों का दोष सिद्ध कर शनिवार को सजा सुनाई गई। दरअसल, 14 नवंबर 2020 की शाम घर के बाहर खेल रही सात साल की बच्ची लापता हो गई थी। दूसरे दिन गांव के बाहर उसका शव मिला था। शव बहुत छत विछत था। ऐसा लग रहा था। कि बच्ची को किसी जंगली जानवर ने खाया है। लेकीन बच्ची के पिता ने गांव के ही अंकुल, वंशलाल, कमलराम, बाबूराम व सुरेश के खिलाफ तंत्र-मंत्र के चक्कर में बेटी की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

कांड के पीछे एक निसंतान दंपति की भूमिका

वीभत्स कांड के पीछे एक निसंतान दंपति की भूमिका है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव के परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को पकड़ा। और पूछताछ में पता चला कि शादी के 19 साल बाद भी यह दंपत्ति के कोई संतान नहीं थी। जिस पर एक तांत्रिक ने इनको किसी भी बच्चें का कलेजा खाने की सलाह दी थी। पकड़े गए आरोपी परशुराम ने भतीजे अंकुल व उसके साथी वीरेन को बच्चे का कलेजा लाने को कहा था। जिस पर उनको रुपये का लालच भी दिया था। वहीं प्लान करने के बाद अंकुल-वीरेन ने गांव में ही खेल रही मासूम को अगवा कर लिया था। जहां दोनों उसे खेत में ले गए और अपनी हवस का शिकार का प्रयास किया। वहीं बच्ची के चिल्लाने पर बच्ची की हत्या कर दी थी।

पटाखे का दिया लालच

बच्ची को ले जानें के लिए पटाखों का लालच दिया। जिस पर बच्ची लालच में अंकुल और दोस्त वीरेन के साथ चली गई। बच्ची डर कर रुकी तो अंकुल ने मुंह दबा लिया। विरोध करने लगी तो उसके गला दबा कर मार डाला। सुपारी देने वाले परशुराम ने बच्ची को रंग लगाया,पानी छिड़का, चाकू से पेट फाड़ा और अंदर के अंग काट कर कलेजा निकाल लिया। इन दोनों ने कबूला कि बच्ची का कलेजा चाचा परशुराम और चाची सुनैना ने अपने घर में ही पका कर खा लिया। सुपारी महज 1500 रुपये में परशुराम ने दी थी। उसने अपने भाई गोगा के मंझले बेटे अंकुल को पांच सौ रुपये और उसके दोस्त वीरेन को एक हजार रुपये पहले ही दे दिए थे।

बच्ची के शव को देख पोस्टमॉर्टम के डॉक्टर कांप उठे

बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम करते समय डॉक्टरों की टीम के हाथ कांप उठे थे। दिल, फेफड़े, लिवर, आंतें, किडनी, स्प्लीन और इन अंगों को आपस में जोड़कर मेंब्रेन तक गायब थी। पेट के अंदर कोई भी अंग नहीं था।बच्ची के निजी अंग में चोट के निशान पाए गए थे। दुष्कर्म का प्रयास किया था। पिता के मुताबिक घटना से एक दिन पहले आरोपित अंकुल का पड़ोस में विवाद हुआ जिस पर मैं बीच-बचाव करने पहुंच गया था। गालियां देते हुए अंकुल ने कहा था कि तू कल की दिवाली याद रखेगा। अंकुल की धमकी इतनी गंभीर नहीं थी। उसने नजर अंदाज कर दिया। लेकीन धमकी इतनी कष्ट दायक होगी जो पूरे जीवन भर को तकलीफ दे गई।

लखनऊ से दिल्ली तक गूंजा था मामला

घटना को सुन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते कानपुर की पुलिस एक्टिव हो गई थी। और जल्द साक्ष्य एकत्र कर और जांच कर तेजी दिखाते हुए घटना का खुलासा कर दिया था। 

तीन साल एक माह चला केस

इस मामले में पुलिस की जांच और कोर्ट की सुनाई करीब तीन साल एक माह चली। जहां पूरी जांच पड़ताल में चारों दोषी पाएं गए। वहीं कोर्ट में पीढ़ित की तरफ से केस लड़ रहे अधिवक्ता भी न्याय दिलाने के बाद भावुक हो गए।इस कांड की सुनवाई के दौरान पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ADGC प्रदीप पांडेय अपने आंसू न रोक सके थे। उन्होंने रोते हुए अदालत से इसे दुर्लभतम श्रेणी का अपराध बताते हुए चारों आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की थी।

शुक्रवार को हुए दोषी करार, आज सुनाई गई सजा

सुनवाई में अभियोजन की ओर से 10 गवाह पेश किए गए। स्पेशल जज पाक्सो एडीजे-13 बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर चारों आरोपितों को दोष सिद्ध करार दिया है।कानपुर देहात कोर्ट ने भदरस कांड में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ कोर्ट ने चारो आरोपियों पर बीस-बीस हजार रुपए अर्थदंड लगाया।

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