Kanpur News: कानपुर पान मसाला तक ही नहीं बल्कि अब होगी सब्जी मसाले की खेती, कृषि विवि में 210 फसलों पर शोध
Kanpur News: 2023 से लगातार अनाज का उत्पादन बढ़ रहा है और सेल में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसको देख अब उत्तर प्रदेश में नारियल की खेती होगी। इसके अलावा सब्जी मसालों की भी खेती की जाएगी।
Kanpur News: पौष्टिक चीजों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ किसानों को जागरूक करना ही पहली प्राथमिकता है। यह बात चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो. आनंद कुमार सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। 2023 से लगातार अनाज का उत्पादन बढ़ रहा है और सेल में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसको देख अब उत्तर प्रदेश में नारियल की खेती होगी। इसके अलावा सब्जी मसालों की भी खेती की जाएगी। मसाले अभी बाहर से खरीदे जाते हैं। उनका भी यहां पर उत्पादन हो।
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मसालों का असली महत्व कोरोना में आया समझ
कोरोना के पहले 24000 करोड़ का निर्यात मसालों का किया गया है। लेकिन बाद में 32000 करोड़ों का निर्यात अब मसालों का हो रहा है। मसालों की असली ताकत बाद में लोगों को पता चली है। लौंग, काली मिर्च, इलाइची, जावित्री जैसे मसाले अब यूपी की जमीन में भी हो इसके लिए सीएसए पूरा खाका तैयार कर रहा है। जल्द ही किसानों के साथ बैठक कर यह खेती अपने यूपी के अंदर भी हो सकती है।
गंगा किनारे होगी नारियल की खेती
पूरे भारतवर्ष में नारियल का उत्पादन 24 मिलियन टन था। इस समय 24 बिलियन टन पर पहुंच गया है। 21 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है। अब हम लोग गंगा किनारे खेती करेंगे। गंगा के किनारे जो नारियल होंगे, उसमें मिठास बहुत अधिक होगी। यह नारियल लोगों को बहुत पसंद आएगा।
अनाज हो रहा 324 मिलियन टन
कुलपति आनंद कुमार सिंह ने बताया कि पहले के समय 50 मिलियन टन अनाज होता था। यह आंकड़ा आज से लगभग 50 साल पहले का है लेकिन अब हम लोग आजादी के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं। पिछले वर्ष 324 मिलियन टन अनाज हुआ है। दिन पर दिन हमारी उत्पादन शक्ति बढ़ रही है, जिस समय सारी चीजे पटरी से उतर गई थी। जब कोरोना काल था तब भी कृषि क्षेत्र में काफी अच्छा उत्पादन किया है।
प्रदेश के 22 जिलों में फसल का विविधीकरण बढ़ाना है
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि प्रदेश के 22 जिलों में फसलों का विविधीकरण बढ़ाने पर काम किया जाएगा। अगर उत्पादन बढ़ता है तो किसानों की आय भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलेट्स की खेती को लेकर काफी जागरूक है। हमारा प्रयास है कि उनकी हर योजना को किसानों तक पहुंचाया जाए।
अपने पाठ्यक्रम तक सीमित ना रहे छात्र छात्राएं
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपने पाठ्यक्रम तक ही सीमित ना रहे। प्रतिस्पर्धा का जमाना है।आपको आगे बढ़कर कुछ अलग करके दिखाना है। आपको यह भी पता होना चाहिए कि सरकार की कितनी योजनाएं हैं और उस योजनाओं को किसानों तक कैसे पहुंचाया जाए? तभी आप आगे बढ़ सकते हैं। वर्तमान समय में हम लोग 210 फसलों पर शोध कर रहे हैं।
औषधियों की करेंगे खेती
कुलपति ने कहा कि अब हम लोग औषधि वाली खेती करेंगे। तुलसी, एलोवेरा जैसी चीजों की बहुत मांग है। पहले हम लोग बाजार में देखेंगे किसकी कितनी मांग है, जो धार्मिक धरोहर है। उसे बनाने का पहले प्रयास किया जाएगा। मार्केट का सर्वे कराना इसलिए जरूरी है कि किसी चीज का कितना उत्पादन करें।
बायोलॉजिकल खेती का रहेगा प्रयास
कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार सिंह ने कहा कि जब से रासायनिक खेती होने लगी है तब से कैंसर, बीपी, शुगर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ी है। रासायनिक खेती ना करें क्योंकि किसान भाई उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक खेती करते हैं। मगर उन्हें इन सब चीजों से रूबरू कराएंगे और बायोलॉजिकल तरीके से खेती कराएंगे। इसके लिए अगर उन्हें प्रशिक्षण भी देना पड़ा तो वह भी दिया जाएगा।
22 मिलियन टन हुआ टमाटर
देश में 18 मिलियन टन टमाटर की जरूरत है, इस वर्ष करीब 22 मिलियन टन टमाटर हुआ है,टमाटर क्यों महंगा है? इस सवाल पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया,यदि मानें तो बिचौलिए की वजह से टमाटर काफी महंगा है, क्योंकि वह लोग उसका भंडारण किए हुए हैं।