Kanpur: हलाल प्रोडक्ट्स पर खाद्य विभाग की छापेमारी जारी, दुकानदारों में हड़कंप...'सरकार इस्लामोफोबिया से ग्रस्त'

Kanpur News: खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि, 'सरकार के आदेश का पालन किया जा रहा है। हलाल प्रोडक्ट पर रोक लगाए जाने के बाद केवल जांच की जा रही है। जहां भी हलाल प्रोडक्ट मिलते हैं तो उन पर कार्यवाही की जाएगी।

Report :  Anup Pandey
Update: 2023-11-21 10:36 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Kanpur News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हलाल उत्पादों को बैन की कार्यवाही तेज कर दी है। कानपुर में खाद्य विभाग लगातार हरकत में है। खाद्य विभाग के अधिकारियों की ओर से लगातार छापेमारी जारी है। मंगलवार (21 नवंबर) को भी कानपुर में कार्रवाई हुई। जिले के बेकनगंज स्थित किराना मार्केट में छापेमारी जारी है। किराना दुकानों में बेचे जा रहे छोटे-छोटे उत्पादों की भी जांच की गई। छापा पड़ते ही किराना मार्केट में हड़कंप मचा गया।

मीडिया से बातचीत के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि, 'सरकार के आदेश का पालन किया जा रहा है। हलाल प्रोडक्ट (Halal Product) पर रोक लगाए जाने के बाद केवल जांच की जा रही है। जहां भी हलाल प्रोडक्ट मिलते हैं तो उन पर कार्यवाही की जाएगी। इसी के चलते शहर के कई क्षेत्रों में हलाल प्रोडेक्ट को लेकर आगे भी जांच कर छापेमारी की जाएगी।'

सोमवार को भी हुई थी कार्यवाही

आपको बता दें, सोमवार को भी खाद्य विभाग की टीम ने कानपुर के बड़े चौराहे पर बने शॉपिंग मॉल जेड स्क्वायर में छापेमारी की। खाद्य विभाग की टीम ने शॉपिंग मॉल में बने सभी फूड कोर्ट में चेकिंग की। जांच के दौरान टीम को जिस प्रोडक्ट पर रोक लगाई गई है। वो प्रोडक्ट नही मिले ।खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रदीप पटेल ने बताया कि हलाल प्रोडक्ट पर रोक लगाए जाने के बाद जिले भर में जांच की जा रही है ,उसी के चलते इस माल में बने फूड कोर्ट्स में जांच की जा रही है । उनका कहना था कि जिस पर रोक लगाई गई है। वो चीज यहां नहीं मिली।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य का पक्ष

कानपुर में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) के सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने हलाल प्रोडक्ट लिखे जाने के मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार द्वारा इस पर बैन लगाए जाने की खिलाफत की है। सुलेमान ने यह भी कहा कि, 'देश में प्रोडक्ट में हलाल लिखने पर बैन लगाया गया है। लेकिन, निर्यात करने वालों को लिखे जाने की छूट दी गई है। ऐसे में टेरर फंडिंग की बात की जाए तो प्रोडक्ट को निर्यात करने वाले इसमें फायदा उठा सकते हैं। लेकिन जो चीज देश के अंदर बिकती हैं, उनमें हलाल लिखने पर बैन लगाया जाना बेहद गैर जिम्मेदाराना फैसला है।'

'सरकार इस्लामोफोबिया से ग्रस्त' 

मोहम्मद सुलेमान ने आगे कहा, 'विदेश में संविधान के मुताबिक सभी को यह आजादी है कि उसे क्या खाना है क्या पहनना है। उसके बावजूद इस तरह के फैसले और खाने-पीने के समान पर इस तरह से एक विषय बनाकर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है। इसके साथ ही किसी प्रोडक्ट पर इसके साथ ही किसी प्रोडक्ट पर हलाल लिखे जाने से प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को किसी भी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होना है। फिर भी इस तरह का प्रोपेगेंडा बनाकर बिना वजह का हलाल लिखे जाने का मुद्दा खड़ा किया गया है। सुलेमान ने आगे कहा कि, इस तरह से किसी प्रोडक्ट पर बैन लगाया जाना इसके अलावा सरकार के पास कानूनी रास्ता है कि उसके खिलाफ मुकदमा किया जाए ना की बैन लगाया जाए। तुमने कहा की सरकार इस तरह से एक खास विचारधारा के विपरीत काम करने का काम कर रही है। लगता है सरकार इस्लामोफोबिया से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का लीगल पैनल इस मामले को लेकर चर्चा करेगा, जरूरत पड़ने पर कोर्ट भी जाएगा।

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