Meerut News: कांवड़ यात्रा रूट डायवर्जन से यात्रियों को ही नहीं, रोडवेज को भी लगता है बड़ा झटका

Meerut News: कांवड़ यात्रा के चलते रोडवेज बसों का रुट भी डायवर्जन होने के बाद रोडवेज को कम यात्री मिल रहे हैं। जिसके कारण रोडवेज को अकेले मेरठ क्षेत्र में करोड़ों रुपये का नुकसान अब तक हो चुका है। यात्रियों के कम होने की वजह यही है कि रुट डायवर्जन होने के बाद से न सिर्फ यात्रा का समय लंबा हो गया है बल्कि महंगा भी हो गया है।

Update:2023-07-14 15:25 IST
Meerut Roadways Facing Losses Due to Kawad Yatra Route Diversion(Photo: Social Media)

Meerut News: हर साल की तरह इस साल भी उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) को करोड़ों रुपये नुकसान होने का अनुमान है। दरअसल, हर बार रोडवेज का प्रयास रहता है कि यात्रियों का सफर जारी रहे और परेशानी कम से कम हो। लेकिन इस प्रयास के बाद भी बसों का रूट बदलने और बस अड्डे पर अव्यवस्थाओं के चलते यात्रियों की परेशानी बढ़ने लगी है। इतना ही नहीं, इस दौरान खुद रोडवेज को हर साल 7 से 8 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है।
रुट डायवर्जन होने के बाद यात्रा का समय लंबा और महंगा

इस बार भी कांवड़ यात्रा के चलते रोडवेज बसों का रुट भी डायवर्जन होने के बाद रोडवेज को कम यात्री मिल रहे हैं। जिसके कारण रोडवेज को अकेले मेरठ क्षेत्र में करोड़ों रुपये का नुकसान अब तक हो चुका है। यात्रियों के कम होने की वजह यही है कि रुट डायवर्जन होने के बाद से न सिर्फ यात्रा का समय लंबा हो गया है बल्कि महंगा भी हो गया है। जिसके कारण इन दिनों बहुत जरुरत होने पर ही लोग घर से बाहर यात्रा के लिए निकल रहे हैं। रोडवेज सूत्रों के अनुसार वर्तमान में मेरठ से दिल्ली, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, आगरा, मुरादाबाद आदि रुटों पर 50 फीसदी तक यात्रियों की संख्या में कमी आई है। एआरएम भैसाली डिपो अरविंद कुमार के अनुसार रुट डायवर्जन होने के कारण यात्रियो से बढ़े किमी के हिसाब से 70-80 रुपये तक अतिरिक्त किराया लिया जा रहा है। एआरएम के अनुसार किराया बढ़ने और यात्रा का समय़ लंबा होने की वजह से लोग कम ही यात्रा कर रहे हैं। एक-दो दिन से तो हरिद्वार रुट पर भी कम यात्री मिल रहे हैं।

बस अड्डे को सोहराब गेट पर शिफ्ट कर दिया गया

गौरतलब है कि कांवड़ के दिनों में दिल्ली रोड पूरी तरह से बंद हो जाती है। इस रोड से कोई भी हैवी ट्रैफिक नहीं होकर गुजरता है। ऐसे में दिल्ली रोड स्थित भैंसाली बस अड्डे को सोहराब गेट पर शिफ्ट कर दिया जाता है। इससे दिल्ली-देहरादून जाने वाले लोगों को कंकरखेड़ा से बस लेनी पड़ती है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना पड़ता है, जिसके कारण पब्लिक बस की सेवा लेना बंद ही कर देती है, जिससे रोडवेज को ज्यादा कमाई नहीं होती है। इसका असर सोमवार से सोहराबगेट बस डिपो पर दिखना शुरु हो गया। कांवड़ की भीड़ बढ़ने के साथ दैनिक यात्रियों की संख्या में कमी आना शुरु हो गई है।
ट्रेन पर ज्यादा भरोसा जाता रहे यात्री, आधे से भी कम रह गई रोडवेज की कमाई

कांवड़ यात्रा से रोड ब्लॉक होने के कारण अधिकतर लोग शॉर्ट रूट के लिए ट्रेन की मदद ज्यादा लेने लगते हैं। अगर पब्लिक को मोदीनगर, मुजफ्फरनगर भी जाना होता है, वो ट्रेन पर ही ज्यादा भरोसा करते हैं। एक तो किराया बस के मुकाबले काफी सस्ता होता है और दूसरा ये है कि रूट डायवर्ट होने के कारण रोडवेज बसों में अधिक किराया नही देना पड़ता।

यही वजह है के रोडवेज को इन दिनों में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। रोडवेज अधिकारियों की मानें तो रीजन के पांच डिपो में करीब 900 बसें चलती हैं। जिनसे एक दिन की कमाई एवरेज 90 लाख से 1 करोड़ रुपए होती है। रोडवेज के गणित के अनुसार कांवड़ के दौरान सबसे अधिक 50 लाख रुपए तक आमदनी घट जाती है। यानि कमाई आधे से भी कम रह जाती है। यानी, आखिरी के छह दिनों में 5 से 6 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। वहीं, चार दिनों में यही घाटा बढ़कर 60 से 65 लाख रुपए का होता है। ऐसे में अगर दस दिनों का हिसाब किया जाए तो 7 से 8 करोड़ रुपए का घाटा होने का अंदाजा है।

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