Kashi Vishwanath: काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर नहीं देना होगा कोई शुल्क, लागू रहेगी पहले की तरह व्यवस्था

Kashi Vishwanath Temple: लोगों ने अमीर और गरीब भक्तों के बीच भेदभाव किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। इसके बाद मंडलायुक्त का स्पष्टीकरण सामने आया है।

Update:2023-03-14 14:48 IST

Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए भक्तों को किसी भी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने स्पष्ट किया है कि बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए पहले की तरह ही सुगम दर्शन की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।

दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में स्पर्श दर्शन पर शुल्क लगाने की बात कहीं गई थी जिसका मंडलायुक्त ने खंडन किया है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी चर्चा का विषय बना था और लोगों ने अमीर और गरीब भक्तों के बीच भेदभाव किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। इसके बाद मंडलायुक्त का स्पष्टीकरण सामने आया है।

दर्शन की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन की व्यवस्था में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की 22 फरवरी को हुई पिछली बैठक के दौरान देशभर के अलग-अलग मंदिरों की व्यवस्था और उनके तुलनात्मक अध्ययन पर चर्चा हुई थी, लेकिन बाबा विश्वनाथ के मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क के संबंध में कोई आखिरी फैसला नहीं लिया गया था। अपने वीडियो संदेश में मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि कोई ऐसा निर्णय लिया जाता है तो उसकी जानकारी दी जाएगी।

न्यास की बैठक में आय बढ़ाने पर हुई थी चर्चा

मंडलायुक्त ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की बैठक के संबंध में मीडिया संस्थानों को सदस्यों की ओर से अलग-अलग सूचना दी जाती है। न्यास की बैठक के दौरान मंदिर की आय बढ़ाने और भक्तों को और सहूलियत देने के संबंध में लंबी चर्चा हुई थी। इस चर्चा के दौरान यह तथ्य भी सामने आया था कि देश के कई मंदिरों में स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है मगर काशी विश्वनाथ धाम के संबंध में ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया था। न्यास की बैठक के दौरान इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं पारित किया गया है। ऐसे में काशी विश्वनाथ धाम आने वाले दर्शनार्थियों को पहले की तरह ही काशी पुराधिपति का स्पर्श दर्शन मिलता रहेगा।

मंडलायुक्त ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच पड़ताल भी की जा रही है। जांच में षड्यंत्र करने वाले कुछ लोगों के नाम जानकारी में आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे प्रकरण में लिप्त लोगों पर जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी है।

रसीद को लेकर पैदा हुआ विवाद

मंडलायुक्त के स्पष्टीकरण के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर में दो मार्च को कटी एक रसीद को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। अजय शर्मा नामक व्यक्ति की ओर से दावा किया गया है कि 500 रुपए दान करने पर उन्हें जो रसीद हासिल हुई थी,उस पर इस पर स्पर्श दर्शन का जिक्र था। हालांकि अभी तक इस रसीद की वास्तविकता की पुष्टि नहीं हो सकी है। गत 2 मार्च को काटी गई इस रसीद पर मंदिर प्रशासन ने जांच बैठा दी है।

मंदिर प्रशासन के अधिकारियों की ओर से इसे मानवीय भूल बताया जा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर सुनील वर्मा का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह रसीद जानबूझकर कटवाई गई थी। वैसे मंदिर प्रशासन की ओर से 2 मार्च के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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