सीएम योगी की आहट से उछलने-कूदने लगता है पालतू कुत्ता 'कालू', खाने में ये पंसद है

कालू मुख्यमंत्री को इतना प्रिय है कि मंदिर में उनके प्रवेश की आहट से ही उछलने-कूदने लगता है। पिछले दिनों योगी मंदिर में थे भी सीएम के साथ कालू की तस्वीर खूब वायरल हुई थी।

Update:2021-02-19 11:41 IST
सीएम योगी की आहट से उछलने-कूदने लगता है पालतू कुत्ता 'कालू', खाने में ये पंसद है (PC: social media)

गोरखपुर: सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पालतू कुत्ता 'कालू' सेलिब्रिटी बन गया है। काले रंग के लैब्राडोर के साथ सीएम की तस्वीरों पर खूब कमेंट आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जब भी गोरखपुर में होते हैं, उनका कुछ समय कालू के साथ जरूर होता है। आम तौर पर लैब्राडोर मांसाहारी होता है, लेकिन मुख्यमंत्री का पालतू कुत्ता पूरी तरह शाकाहारी है। उसे दूध-रोटी और मंदिर में बना भोजन ही पंसद है।

ये भी पढ़ें:TIPS: पुरानी साड़ी का ऐसे करें इस्तेमाल, सब देखते रह जाएंगे आपके हाथों का कमाल

मंदिर में उनके प्रवेश की आहट से ही उछलने-कूदने लगता है

कालू मुख्यमंत्री को इतना प्रिय है कि मंदिर में उनके प्रवेश की आहट से ही उछलने-कूदने लगता है। पिछले दिनों योगी मंदिर में थे भी सीएम के साथ कालू की तस्वीर खूब वायरल हुई थी। सीएम अपने हाथों से कालू को 'पनीर' खिलाते नजर आते हैं। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों के मुताबिक, कालू को दिसंबर 2016 में गोरक्ष मंदिर लाया गया था और योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 में तीन महीने बाद मुख्यमंत्री बने। योगी के पास पहले राजा बाबू नाम का एक कुत्ता था, जिसकी मौत हो गई और वह (योगी) उसके बाद परेशान थे।

दिल्ली में एक समर्थक ने किया था भेंट

काला कुत्ता गोरक्षनाथ के एक भक्त ने योगी आदित्यनाथ को दिल्ली में भेंट किया था। कालू कुछ समय तक दिल्ली में ही रहा और इसके बाद उसे गोरखपुर लाया गया। मुख्यमंत्री बनने से पहले वह निजी तौर पर कालू की देखरेख करते थे और उसे खिलाते थे। मुख्यमंत्री नियमित तौर पर गोरखपुर आते हैं। वह जब भी आते हैं, कालू उनसे दौड़कर मिलता है। योगी आदित्यनाथ के मंदिर परिसर में रहने तक, कालू उनके साथ रहता है।

ये भी पढ़ें:शाहजहांपुर: बाइक सवारों ने 10 KM तक किया कार का पीछा, फिर चौराहे पर हुआ ऐसा

कालू के लिए हैं विशेष इंतजाम

कालू शुद्ध रूप से शाकाहारी और वह या तो दूध-रोटी खाता है या मंदिर में बना खाना खाता है। योगी आदित्यनाथ की गैरहाजिरी में उनके सहयोगी कालू की देखभाल करते हैं। कालू के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिससे मौसम के बदलाव से उसे कोई परेशानी नहीं होगी। पशु चिकित्सक भी रोज बीमारी को लेकर चेकअप करते हैं। उनके निर्देशन में ही कालू को भोजन दिया जाता है।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News