बजट से पहले क्यों होता है 'हलवा सेरेमनी' नही जानते होंगे ये खास बातें
हर साल बजट की प्रिंटिग शुरू होने से पहले नार्थ-ब्लॉक में बने वित्त मंत्रालय के ऑफिस में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है और बांटा जाता है। वित्त ...;
नई दिल्ली। हर साल बजट की प्रिंटिग शुरू होने से पहले नार्थ-ब्लॉक में बने वित्त मंत्रालय के ऑफिस में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है और बांटा जाता है। वित्त मंत्री खुद इस कार्यक्रम की आगुवाई करते हैं। उनके अलावा वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी इस रस्म में शामिल होते हैं।
इस रस्म के पीछे वजह है कि भारतीय परंपरा के मुताबिक कुछ भी नया काम शुरू करने से पहले मीठे की परम्परा रही है, इसलिए ही बजट को प्रिंटिंग के लिए भेजने से पहले इस परंपरा को निभाया जाता है। साथ ही भारतीय परंपरे में हलवे को काफी शुभ माना जाता है।
बजट प्रासेस में हलवे सेरेमनी की शुरूआत हुई
वहीं, रिसर्च के अनुसार मीठा खाने से साकारात्मकता और उर्जा का संचार होता है, इसीलिए बजट प्रासेस में भी हलवे सेरेमनी की शुरूआत हुई। हलवा सेरेमनी के बाद बजट की प्रिटिंग से जुड़े मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिंटिंग प्रेस में अगले कुछ दिनों कर नजरबंद कर दिया जाता है। जहां उनसे कोई बाहरी व्यक्ति संपर्क नहीं कर सकता।
खर्च की स्वीकृति संसद पर निर्भर करती है
केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से पेश की जाने वाली वार्षिक वित्त रिपार्ट तो ही आम बजट कहा जाता है। इसमें अकाउंट्स स्टेटमेंट, अनुमानित प्राप्तियां, 1 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमानित खर्च का विस्तृत ब्योरा होता है। इसमें शामिल सरकारी योजनाओं पर खर्च की स्वीकृति संसद पर निर्भर करती है। बजट ते माध्यम से वित्त मंत्री संसद से टैक्स, ड्यूटीज और ऋण के माध्यम से धन जुटाने की मंजूरी चाहता है।
बजट प्रक्रिया
सामान्य स्थिति में निर्माण की प्रक्रिया सितंबर से शुरू हो जाती है। सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों को सर्कुलर भेजा जाता है, जिसके जवाब में विवरण के साथ उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष के अपने-अपने खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड की आवश्यकता की जानकाकरी होती है। यह बजट की रुपरेखा के लिए आवश्यक कदम हैं।