Kushinagar News: जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे दियारा क्षेत्र के लोग, पीपे के पुल की सख्त जरूरत
Kushinagar News: नारायणी नदी के बरवापट्टी घाट पर पीपा पुल का पुल नहीं होने से ग्राम पंचायत अमवाखास सहित कई गांवों के लोग छोटी नाव से नदी पार करते हैं।;
Kushinagar News: नेपाल मुल्क से निकलने वाली बड़ी गंडक नदी (नारायनी नदी) जनपद के उत्तरी पूर्वी छोर के विभिन्न भागों में बहती हैं। कुछ इलाको में तो पुल बन जाने से आवागमन सरल हो गया है लेकिन दियारा क्षेत्र में कई गांवों के लोग पीपे के पुल के अभाव में छोटी नावों के सहारे जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। ऐसा ही नजारा जनपद के पूर्वी छोर पर देखने को मिल रहा है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के ग्राम नारायणी नदी के बरवापट्टी घाट पर पीपा पुल का पुल नहीं होने से ग्राम पंचायत अमवाखास सहित कई गांवों के लोग छोटी नाव से नदी पार करते हैं। चुनाव के समय खूब वादे होते हैं स्थानीय लोगों को उम्मीद भी जगती हैं कि नदी पार करने का राह मिल जाएगा। लेकिन समय बीत गया दियारा क्षेत्र की इस जटिल समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
नारायणी नदी को बड़ी गंडक नदी कहा जाता है। यह नदी कुशीनगर के ऐसे इलाकों से बहती हैं जहां की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। नदी के कटाव से जो मिट्टी आती हैं वह भूमि उर्वरा शक्ति को बड़ा देती हैं। नदी के इस तलहटी क्षेत्र को दियारा क्षेत्र कहा जाता है। यह क्षेत्र गन्ना, गेहूं, धान , मक्का , मटर, सरसों उत्पादन के लिए मशहूर हैं। किसान खेती करने नदी उस पार जाते हैं। नदी पर पीपे का पुल नही होंने से लोगों को कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा है। हजारों किसानों की खेती दियारा में है। जिसकी देखभाल के लिए भारी संख्या में लोग दिन प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। इसमें भी जब नारायणी नदी में पानी कम हो जाता है तो बड़ी नाव नहीं जा पाती है। लोग छोटी नाव से ही नदी पार करने के लिए विवश रहते है तथा दियारा से ट्रैक्टर ट्राली से गन्ना और अन्य सामान लाना रहता है। बिहार के रास्ते होते हुए ठकरहा पीपा पुल से आते जाते है ।
नए सांसद से काफी उम्मीदें
यह इलाका देवरिया संसदीय क्षेत्र में पड़ता हैं। लोगों को अपने नए सांसद से काफी उम्मीदें हैं। नारायणी नदी के इस इलाके में लगभग 28 गांवों आते हैं। जो नदी की विभीषिका को झेलते है। कई बार इस इलाके में नाव डूबने की घटना भी हो चुकी है फिर भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। दियारा क्षेत्र में किसी के परिवार में अगर तबीयत खराब होती है तो अस्पतालों तक जाने के लिए लोगों को सोचना पड़ता है। दूसरे पार जाने का नाव ही एक सहारा है। वर्तमान में सत्ता दल के ही विधायक और सांसद हैं जनता की मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी समस्या पीपा का पुल पर थोड़ा सा ध्यान दे तो निश्चित ही नदी पर पीपा का पुल बन जाएगा और दियारा क्षेत्र के लोग भी विकास के मुख्य धारा से जुड़ जाएंगे।