श्रमिक दिवस पर CM योगी का तोहफा, श्रमिकों के लिए सुरक्षा व स्वास्थ्य बीमा का ऐलान
आज श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिक/कामगार जनों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्बोधन किया।
लखनऊ: यूपी में कोरोना के कहर से हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिकों और श्रमिक संगठनों के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। आज मुख्यमंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिकों से कोरोना से स्वयं व परिवार का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री जी के सपनों के अनुरूप देश के नवनिर्माण में अपना सक्रिय योगदान करने का आह्वान किया।
राज्य सरकार श्रमिकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध, उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर लाभान्वित कर रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने लिए 02 योजनाओं की घोषणा की।
इन घोषणाओं में श्रमिकों की किसी दुर्घटना में मृत्यु अथवा किसी प्रकार के अंग-भंग होने या दिव्यांगता आने पर 02 लाख रु0 का सुरक्षा बीमा कवर तथा 05 लाख रु0 तक का स्वास्थ्य बीमा कवर शामिल किया।
सभी श्रमिक- कामगार भाई-बहनों को बधाई-शुभकामनाएं
आज श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिक/कामगार जनों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्बोधन किया।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की सभी श्रमिक- कामगार भाई-बहनों को बधाई-शुभकामनाएं। देश की प्रगति में श्रमिक भाइयों-बहनों का बड़ा योगदान है।
आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने की नींव श्रमिक जन ही हैं। हमारा यह संवाद कोरोना की विभीषिका के बीच हो रही है। बड़ी-बड़ी शक्तियां इससे पस्त हो चुकी हैं। कोविड की पिछली लहर में आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सुरक्षित रहे थे।
कोविड महामारी की पहली लहर में श्रमिकों की जीवन और जीविका दोनों को संरक्षित करने का प्रयास किया। इसमें श्रमिक भाइयों ने हमें पूरा सहयोग किया। सरकार ने सभी को भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया। सभी को राशन उपलब्ध कराया। यह धनराशि आपके खून-पसीने की कमाई ही थी, गाढ़े वक्त में आपको ही समर्पित किया।
उत्तर प्रदेश सरकार आपके सुख-दुख की साथी है। आज श्रमिक दिवस के अवसर पर यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि प्रदेश सरकार अपने सभी श्रमिक भाई-बहनों की सामाजिक सुरक्षा के संकल्प को पूरा करने की दिशा में दो नई योजनाएं शुरू करने जा रही है।
प्रदेश का कोई भी श्रमिक हो, पंजीकृत हो या नहीं, खेती के कार्य मे लगा हो, औद्योगिक इकाई में कार्यरत हो, कुली हो, रेहड़ी,पटरी,ठेला, खोमचा लगाता हो या फिर निर्माण श्रमिक हो, सरकार सभी को 02 लाख रुपये तक के सुरक्षा बीमा कवर प्रदान करेगी।
दुर्भाग्यवश यदि आप के साथ कोई अप्रिय दुर्घटना घटती है तो यह 2 लाख रुपए आपके परिजनों के लिए बड़ा सहारा बनेंगे। इसी प्रकार सभी को 5 लाख रुपए तक तक स्वास्थ्य बीमा कवर देने की भी योजना शुरू की जा रही है। अब आपको इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बीमा की राशि आपके इलाज में उपयोगी होगी। यह दो प्रयास आपकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण होंगे।
बरतनी हो सावधानी
कोविड की पहली लहर जब आई थी, जब पीक था तब 68000 केस आये थे। आज यह 30 से 50 गुना संक्रामक हो चुकी है। यह महामारी है। जहां पहले 500 मरीज भर्ती होते थे, जिसमें 30-40 को ऑक्सीजन को जरूरत पड़ती थी। आज अगर किसी कोविड हॉस्पिटल में 500 बेड हैं तो उसमें 450 को ऑक्सीजन देने की जरूरत है। ज्यादातर को वेंटिलेटर की आवश्यकता है।
24 अप्रैल के बाद से एक्टिव केस कम होते जा रहे हैं। विगत 24 घंटो की अवधि में प्रदेश में कोविड के 30317 नए केस आए, इसी अवधि में जबकि 38826 लोग उपचारित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह स्थिति थोड़ी संतोषप्रद है। प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है जबकि रिकवरी बेहतर हो रही है।
बीते 24 घण्टे में 30 हजार केस आये हैं जबकि 38 हजार लोग कोरोना से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हो गए। लापरवाही बिल्कुल नहीं। बचाव ही उपचार है।
सरकार श्रमिकों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए सभी जरूरी प्रयास कर रही है। साप्ताहिक बन्दी में औद्योगिक गतिविधियां संचालित हो रही है। आपको आने-जाने में कोई समस्या नहीं होगी। इसके लिये नियम-निर्देश जारी किए गए हैं। आपकी जीविका की हमें पूरी चिंता है।
आपको पता होगा कि 02 मार्च 2020 को जब कोरोना का पहला केस आगरा में आया था, तब एनआईवी पुणे में टेस्ट कराना पड़ा। आज 2 लाख 66 हजार टेस्ट एक दिन में कर रहे हैं। अब तक 04 करोड़ से अधिक टेस्ट हम कर चुके हैं।
पहला मरीज आया था तो सफदरजंग भेजना पड़ा, आज उत्तर प्रदेश में एल-1 श्रेणी के 1,16,000 बेड हैं, एल-2 और एल-3 के 65 हजार बेड हैं, आईसीयू है वेंटिलेटर हैं।ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बढ़ रही है। अब तो एन-95 मास्क यूपी में बन रहा है। पिछली कोरोना लहर से सबक लेते हुए संसाधन बढ़ाये गए हैं।
साथियों, लापरवाही बिल्कुल न करें। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है।