Lakhimpur Kheri News: प्रशासन का चला बुलडोजर, खाद के गड्ढे की भूमि को कराया कब्जा मुक्त

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी गोला गोकरण नाथ के बांकेगंज तहसील प्रशासन सरकारी खाद के गड्ढे की जमीन को कब्जा मुक्त कराया।

Update: 2022-09-13 09:25 GMT

अवैध कब्जे पर चला प्रशासन का बुलडोजर

Lakhimpur Kheri News Today: लखीमपुर खीरी गोला गोकरण नाथ के बांकेगंज तहसील प्रशासन सरकारी खाद के गड्ढे की जमीन को कब्जा मुक्त कराया। इसके लिए तहसील प्रशासन ने जेसीबी द्वारा अवैध कब्जे के रूप में खड़ी की गई दीवार को हटाया।

कब्जे को लेकर में ग्रामीण लगा रहे थे अधिकारियों के चक्कर

गौरतलब है कि इस कब्जे को हटवाने के संबंध में ग्रामीण करीब 18 महीने से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला तहसीलदार समझ पहुंचने के बाद 67 / 1 की कार्रवाई के तहत अवैध कब्जे को हटाया गया। बता दें कि मामला तहसील गोला गोकरण नाथ (Tehsil Gola Gokaran Nath) के ब्लॉक बांकेगंज कुकरा जाने वाले मार्ग स्थित ग्राम मोतीपुर का है ग्रामीणों के अनुसार यहाँ पर सरकारी खाद के गड्ढे की भूमि पर पूर्व लेखपाल और भू माफियाओं के सांठगांठ के चलते खाद के गड्ढे वाली भूमि पर बाउंड्री वॉल कर दी गई थी पास में ही बौद्ध विहार वाली भूमि पर भी कब्जा कर लिया गया।


बौद्ध विहार की भूमि पर होता था भंडारे का आयोजन जिस बोध सेवा संस्थान के समिति के सदस्यों का कहना है कि उनके द्वारा भूमि गाटा संख्या 523 नवीन पड़ती जिसकी चकबंदी के बाद नवीन घटा संख्या दर्ज है। पर 11 6 6 है अब आबादी में बौद्ध विहार बना था वह गाटा संख्या 522 जिसकी नई गाटा संख्या 1167 है, जो कि खाद के गड्ढे के रूप में दर्ज है, जोकि बौद्ध बिहार के ठीक सामने की जगह है, जिस पर वर्षों से बाबा साहब की जयंती व भंडारे का आयोजन प्रतिवर्ष करते आ रहे हैं।

20 वर्ष पुरानी मंदिर की नींव

इसमें 20 वर्ष पुरानी मंदिर की नींव पड़ी थी। इस न्यू के दायरे में पीपल का पेड़ पौधे आदि लगे थे जिसको भूमि माफियाओं ने कटवा कर और पंचशील का लगा हुआ झंण्डा उखाड़ कर वह भी अपनी हदे जमा बुध विहार व सरकारी खाद के गड्ढे वाली परगोला के रहने वाले अमित वर्मा ने बाउंड्रीवॉल करवायी आपको बताते चलें तहसीलदार के आदेश पर हटाया गया कब गया. जिसकी शिकायत पूर्व में उन्हें उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री से भी की गई। उनको निराशा ही हाथ लगी. क्योंकि मामला जब तहसीलदार विनोद गुप्ता (Tehsildar Vinod Gupta) के सामने पहुंचा तो उन्होंने गाटा संख्या 1167 रखवा 0.061 हे0 मैं से खाद गड्ढे का 0.012 हे. वाले को कब्जा मुक्त करा दिया।


बौद्ध बिहार के नाम से कोई भूमि दर्ज नहीं है: लेखपाल

ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी खाद के गड्ढे की जमीन को मुक्त कराया गया है, लेकिन बौद्ध विहार की कुछ भूमि पर अभी भी कब्जा है। वहीं, लेखपाल ग्रैंड नंबर 10 भूपेंद्र सिंह का कहना है कि बौद्ध बिहार के नाम से कोई भूमि दर्ज नहीं है। इस मौके पर नायब तहसीलदार अरुण कुमार सोनकर, कानूनगो अनिल श्रीवास्तव, लेखपाल भूपेश सिंह, चौकी इंचार्ज राजीव कुमार सहित स्टाफ मौके पर मौजूद रहा।

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