Tigers Death Investigation: दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत का मामला, आज जांच करने पहुंचेगी 4 सदस्यीय कमेटी
Tigers Death Investigation: नेपाल की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर स्थित दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत ने राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी मचा दी है। प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
लखीमपुर- नेपाल की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर स्थित दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत ने राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी मचा दी है। प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है। इस मामलें में अब तक कई वन अधिकारी नप चुके हैं। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गठित 4 सदस्यीय कमेटी ने बाघों की मौत की जांच शुरू कर दी है।
कमेटी में शामिल सदस्य आज यानी मंगलवार 20 जून को लखीमपुर के निघासन मैलानी किशनपुर क्षेत्र में जायेंगे। जहां मृत बाघ मिले थे। सीएम योगी ने जांच कमेटी को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस 4 सदस्यीय कमेटी की अगुवाई रिटायर IFS संजय सिंह कर रहे हैं। टीम में उनके अलावा लखनऊ जू के उप निदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला,गोरखपुर ज़ू के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ.योगेश प्रताप सिंह,रिटायर मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार भी गठित कर चुकी है जांच टीम
दुधवा नेशनल पार्क में चार बाघों और एक तेंदुए की मौत की घटना को केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। रिटायर्ड आईएफएस शैलेश प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है, जो कि 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी। इस दौरान जांच टीम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइंस और एसओपी की भी जांच करेगी। इस कमेटी को बने 10 दिन होने को है।
बाघों की मौत के मामले में कई अधिकारी नपे
दुधवा में बाघों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई अधिकारियों का तबादला कर दिया था। सबसे पहले मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी को उनके पद से हटाया गया, हालांकि प्रोजेक्ट टाइगर के इंचार्ज के पद पर बनाए रखा गया। इसके बाद दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बी.प्रभाकर को हटाकर उनकी जगह मुख्य वन संरक्षक, बरेली ललित वर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई। लखीमपुर खीरी जिले के डीएफओ बफर सुंदरेश का तबादला एटा कर दिया गया । जिले के तीन रेंजरों पर भी गाज गिरी थी।
बता दें कि लखीमपुर के दुधवा नेशनल पार्क को बाघों का स्वर्ग कहा जाता है। यहां की आबोहवा को बाघों के विकास के लिए उपयुक्त माना गया है। यहां पर देश के किसी दूसरे टाइगर रिजर्व के मुकाबले कहीं ज्यादा बाघों का कुनबा बढा है। लेकिन लगातार बाघों की मौत ने दुधवा को लेकर अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं।