जानें क्या है लट्ठमार होली, बरसाना में कब से शुरू है ये परंपरा

Update: 2018-02-24 07:44 GMT
जानें क्या है लट्ठमार होली, बरसाना में कब से शुरू है ये परंपरा

लखनऊ: देशभर में आगामी 2 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। होली को लेकर लोगों में उत्साह अभी से दिखने लगा है। अभी से ही बाजार होली के रंग में रंगने लगे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी विश्व प्रसिद्ध बरसाना की होली का हिस्सा बनने मथुरा पहुंच चुके हैं। गौरतलब है, कि बरसाना में लट्ठमार होली का आयोजन होता है। तो आईए हम बताते हैं कि क्या है लट्ठमार होली।

माना जाता है कि होली मथुरा के बरसाना क्षेत्र से ही शुरू हुई थी। इसमें वृंदावन, मथुरा, नंदगांव और बरसाना शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां होली न सिर्फ रंगों के साथ मनाई जाती है, बल्कि लाठी के साथ खेली भी जाती है। परंपरानुसार, महिलाएं लाठी लेकर पुरुषों का पीछा करती हैं और फिर उनकी पिटाई करती हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली खेलने का यह तरीका भगवान कृष्ण के समय से चला आ रहा है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण अपने मित्रों के साथ मिलकर नंदगांव से बरसाना तक राधा और उनकी सहेलियों के साथ होली खेलने पहुंचे थे।

बरसाना की लट्ठमार होली सिर्फ बरसाना में ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर है। बरसाना में आज से ही लट्ठमार होली का आयोजन होने वाला है, जिसमें शिरकत करने यूपी के सीएम भी मथुरा पहुंच चुके हैं।

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