LDA : शासन ने अवैध निर्माण कराने के आरोप में एलडीए के दो इंजीनियरों को किया निलंबित, कई रडार पर
LDA : उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ विकास प्राधिकरण की नाक नीचे लगातार अवैध निर्माण किया जा रहा है। लखनऊ में अवैध निर्माण को लेकर मिल रहीं शिकायतों के बाद शासन ने बड़ी कार्रवाई करते एलडीए के दो अवर अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
LDA : उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ विकास प्राधिकरण की नाक नीचे लगातार अवैध निर्माण चल रहा है। लखनऊ में अवैध निर्माण को लेकर मिल रहीं शिकायतों के बाद शासन ने बड़ी कार्रवाई करते एलडीए के दो अवर अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एलडीए के दोनों अभियंताओं के निलंबन का आदेश अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने जारी किया है। बताया जा रहा है कि अभी कई अवर अभियंता शासन के रडार पर हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि रिटायरमेंट से पहले ही जेई सुभाष शर्मा सस्पेंड कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि रिटायरमेंट में मिलने वाली सुविधा और पेंशन पर रोक लगा जाएगी। वह प्राधिकरण डिप्लोमा संघ (यूनियन) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
प्रदेश राजधानी लखनऊ में अवैध रूप से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर शासन को बीते काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थीं। मुख्यमंत्री के अधीन विभाग को लेकर शासन ने गंभीरता से मामलों को संज्ञान में लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अवर अभियंजा सुभाष चंद्र शर्मा और भानु प्रकाश वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
एलडीए को पहुंचाया वित्तीय नुकसान
एलडीए से निलंबित किए गए दोनों इंजीनियरों पर शहर में बिना नक्शा पास किए और पार्किंग की अनदेखी करते हुए अवैध रूप से निर्माण कार्य कराए जाने का आरोप है। प्रमुख सचिव ने निलंबन आदेश में साफ तौर पर कहा है कि उक्त दोनों इंजीनियरों ने अवैध निर्माण कराकर एलडीए को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। इस पूरे मामले को शासन, कमिश्नर और एलडीए वीसी ने प्रमुखता से लिया था। दोनों इंजीनियरों को कमिश्नर डा. रोशन जैकब के कार्यालय से संबंद्ध कर दिया गया है।
दस इंजीनियरों को किया गया चिन्हित
अवैध निर्माण कराए जाने के मामले में करीब 16 इंजीनियर दोषी पाए गए हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही दस इंजीनियरों को भी चिन्हित किया गया है, इसमें चार सहायक अभियंता और अवर अभियंता हैं, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।