शराब दुकानों के लाइसेंस की सिक्योरिटी ई-पेमेन्ट या NSC के जरिए की जा सकती है: कोर्ट

कोर्ट ने याची को इ पेमेंट करने की छूट दी है और कहा है कि यदि याची पेमेंट कर देता है ,अन्य शर्ते भी पूरी करता है तो उसे लाइसेंस देने पर विचार किया जाय। कोर्ट ने कहा है कि एन एस सी जमा करना वैकल्पिक है। इसे बाध्यकारी नही किया जा सकता।

Update: 2019-03-31 04:42 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शराब की दूकान के लाइसेंस की सिक्योरिटी इ पेमेंट या एन एस सी के जरिये की जा सकती है। सरकार एन एस सी जमा करने को अनिवार्य नही कर सकती। यह नियमो के विपरीत है।

कोर्ट ने याची को इ पेमेंट करने की छूट दी है और कहा है कि यदि याची पेमेंट कर देता है ,अन्य शर्ते भी पूरी करता है तो उसे लाइसेंस देने पर विचार किया जाय। कोर्ट ने कहा है कि एन एस सी जमा करना वैकल्पिक है। इसे बाध्यकारी नही किया जा सकता।

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यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने राकेश कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता निमाई दास व् स्थाई अधिवक्ता बी पी सिंह कच्छवाह का कहना था कि माफिया इ पेमेंट का फायदा उठा रहे थे।

उन्हें रोकने के लिए सरकार ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट से सिक्योरिटी जमा करना अनिवार्य किया है। याची अधिवक्ता मुकेश प्रसाद का कहना था कि रूल्स में एन एस सी जमा करना बाध्यकारी नही है। इ पेमेंट किया जा सकता है। याची इ पेमेंट को तैयार है।याची ने देशी शराब के लाइसेंस की अर्जी दी है। उसे एन एस सी देने को बाध्य किया जा रहा है जो नियम विरुद्ध है। कोर्ट ने याची को इ पेमेंट करने की छूट दे दी है।

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