लखनऊ में वायु प्रदूषण चरम पर, तालकटोरा के हालात बद्दतर, लालबाग और गोमती नगर की भी स्थिति ख़राब
Lucknow Latest News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिन पर दिन वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। राजधानी के लालबाग गोमती नगर और तालकटोरा में हालात बदतर हैं।
Lucknow News : वायु प्रदूषण (Air Pollution) देश के लिए, एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। हाल ही में आई कुछ रिपोर्ट्स में भी इस बात को लेकर चिंता ज़ाहिर की गई है। जिसमें ख़ासकर उत्तर प्रदेश के चार शहरों का नाम शामिल है। वहीं, लखनऊ का भी उस सूची में ज़िक्र है। बहरहाल, सोमवार को राजधानी में घर से बाहर निकलना बेहद घातक सिद्ध हो सकता है। क्योंकि, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 पार कर चुका है। जबकि, तालकटोरा क्षेत्र में तो 334 है। जो कि बहुत ख़राब है।
लखनऊ के इलाकों का AQI
वायु प्रदूषण से निजात पाना मुश्किल दिख रहा। 'नवाबों की नगरी' में वैसे तो प्रदूषण की समस्या आम है। लेकिन, अब यह बढ़ती दिख रही है। लोगों का सांस लेना दूभर होता जा रहा है। गोमती नगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 204, कुकरैल पिकनिक स्पॉट का 127, लालबाग का 248, तालकटोरा का 334 और बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी के इर्दगिर्द इलाकों का 166 है।
वायु गुणवत्ता का पैमाना
• 0-19:- बहुत अच्छा।
• 20-49:- ठीक।
• 50-99:- खराब।
• 100-149:- अस्वास्थ्यकर।
• 150-249:- बहुत ज़्यादा अस्वास्थ्यकर।
• 250+:- ख़तरनाक।
डब्ल्यूएचओ ने तय किये हैं नये पैमाने
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने अक्टूबर, 2021 में हवाओं में मौजूद प्रदूषकों के मानकों में चौथी बार बदलाव किया है। इससे पहले 1987, 2000 और 2005 में बदलाव किए गए थे। डब्ल्यूएचओ की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 2005 में हवा में पीएम-2.5 की सालाना औसत सीमा, घटाकर अब पांच माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर कर दी गई है। वहीं पीएम-10 की सालाना औसत सीमा 15 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर कर दी गई है। ओजोन गैसों के लिए एक घनमीटर पर सालाना औसत सीमा 60 माइक्रोग्राम, नाइट्रोजन आक्साइड के लिए 10, सल्फर डाईआक्साइड के लिए 40 और कार्बन मोनोक्साइड के लिए चार माइक्रोग्राम निर्धारित की गई है।
GAQI
- PM2.5 ---- 5 µg/m³
- PM 10 ----15 µg/m³
- O 3 ----- 60 µg/m³
- NO 2 --- 10 µg/m³
- SO 2 ----- 40 µg/m³
- CO ----- 4 µg/m³