शिक्षकों की भर्तियां: नियुक्ति के लिए जल्द जारी होगा शासनादेश, पढ़ें पूरी खबर
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक अध्यापकों के 10 हजार 768 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी।
लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग में नव चयनित सहायक अध्यापकों को आगामी सितंबर माह में तैनाती मिल जायेगी। इन सहायक अध्यापकों को तैनाती ऑनलाइन दी जाएगी और इसके साथ ही इनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। लेकिन खाली पदों के सापेक्ष कम संख्या में अभ्यर्थियों के चयनित होने के कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग के सामने एक बड़ी समस्या यह खड़ी हो गई है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की तैनाती किस तरह से की जाए।
नए अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जल्द जारी होगा शासनादेश- दिनेश शर्मा
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि नव चयनित सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जल्द ही शासनादेश जारी कर दिया जायेगा और जिसमे इसकी नियुक्ति की प्रक्रिया का उल्लेख भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल नव चयनित सहायक अध्यापकों के प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है। जिसमें प्रशिक्षण कैसे होगा और पाठ्यक्रम क्या होगा इन सभी बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि वर्ष 2018 में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक अध्यापकों के 10 हजार 768 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी। आयोग ने 3457 चयनित अभ्यर्थियों की सूची माध्यमिक शिक्षा विभाग को सौंप दी है। लेकिन हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषयों के अध्यापकों की सूची नहीं दी है। लेकिन आयोग द्वारा जितने अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है, उसके बाद भी बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जायेंगे।
रिक्तियों के सापेक्ष कम चयन से विभाग परेशान
घोषित रिक्तियों के सापेक्ष बहुत कम पदों पर चयन होने के कारण अब विभाग के सामने परेशानी यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को कैसे पूरा करे। बता दें कि अभी तक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चयन के बाद तैनाती देने के समय उनसे वरीयता क्रम में विद्यालयों के विकल्प मांगे जाते हैं।
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इसमे चयनित शिक्षकों को उनके मेरिट के हिसाब से विद्यालयों का आवंटन किया जाता है। लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार विभाग चयनित अभ्यर्थियों से विद्यालयों का विकल्प तो मांगेगा लेकिन उसमे ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करना आवश्यक किया जा सकता है।