लखनऊ में 1 जून को है पहला बड़ा मंगल, प्रतिबंधों के साथ होंगे दर्शन
Bada Mangal: इस माह के हर मंगलवार को लखनऊ शहर के लोग 'बड़ा मंगल' के रूप में मनाते हैं।;
बड़ा मंगल (कांसेप्ट फोटो सौ. से सोशल मीडिया)
Bada Mangal : कोरोना महामारी (Corona epidemic) की वजह से फैले संक्रमण ने न सिर्फ़ लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी कर रखी हैं, बल्कि त्यौहारों और पूजा-पाठ में भी विघ्न डाल रखा है। 27 मई से ज्येष्ठ माह शुरू हो गया है। इस माह के हर मंगलवार को 'गंगा-जमुनी तहजीब' वाले इस शहर के लोग 'बड़ा मंगल' (Bada Mangal) के रूप में मनाते हैं। इस दिन सभी व्यक्ति हनुमान जी के दर्शन के साथ ही दिन की शुरुआत करते हैं। जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा भंडारा कराया जाता है।
पूरे शहर में ज़ोर-शोर से लोग इसमें बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। राजधानी भर में हनुमान जी के जयकारे लगते रहते हैं। यह पूरा माह मानो सिर्फ़ और सिर्फ़ पवन पुत्र हनुमान के नाम ही कर दिया जाता है। शहर के कुछ स्थानों पर तो पूरे माह भंडारे चला करते थे। मग़र, पिछले 14 महीने से फैली इस महामारी के चलते इस बार भी श्रद्धालुओं के हाथ सिर्फ़ निराशा लगेगी। बता दें कि पिछले साल भी बड़ा मंगल के वक़्त महामारी चरम पर थी, जिस वजह से लोग इसे नहीं मना सके थे।
प्रतिबंधों के साथ होंगे दर्शन
रविवार को सरकार द्वारा 20 जिलों में लॉकडाउन बनाए रखने का फैसला लिया गया है। जिसमें प्रदेश की राजधानी लखनऊ का भी नाम है। इस वजह से लोगों को सिर्फ़ आवश्यक वजहों से ही घर से निकलने की छूट है। बता दें कि पहला बड़ा मंगल एक जून को पड़ेगा। आठ को दूसरा, 15 को तीसरा व 22 जून को चौथा व अंतिम मंगल पड़ेगा।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान:-
● संक्रमण की वजह से अलीगंज के पुराने व नए हनुमान मंदिर के पास लगने वाले मेले नहीं लगेंगे और मंदिर भी बंद रहेंगे।
● लेटे हुए हनुमान मंदिर, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, समेत सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
● मंदिरों में दूर से दर्शन होंगे। घण्टा बजाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
● अलीगंज स्थित ऐतिहासिक पुराने हनुमान मंदिर में भी बाहर से दर्शन होंगे।
बड़ा मंगल भंडारा (कांसेप्ट फोटो सौ. से सोशल मीडिया)
बेगम आलिया ने कराई थी पुराने हनुमान मंदिर की स्थापना
लखनऊ को यूं ही 'गंगा-जमुनी तहज़ीब' वाला शहर नहीं कहते हैं। बल्कि, इस शहर ने अपनी आग़ोश में तमाम ऐसी इमारतों व रमणीय स्थानों को ले रखा है, जो वक़्त-वक़्त पर इस बात को साबित करती हैं। पुराने हनुमान मंदिर के गुम्बद पर लगा चांद का निशान इस बात को साबित करता है। साथ ही वर्तमान समय में एकता और भाईचारे की मिसाल भी पेश करता है।
मंदिर के आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 'अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की स्थापना नवाब शुजाउद्दौला की बेगम और दिल्ली की मुगलिया खानदान की बेटी बेगम आलिया ने कराई थी। साल 1792 से 1802 के बीच मंदिर का निर्माण हुआ था।'
बजरंगबली के गुणगान से दूर हुई थी महामारी
ऐसा कहा जाता है कि बेगम आलिया ने इस्लाम बाड़ी में अर्जी लगाई थी और उनके सपने में हनुमानजी आए थे। जिसके बाद ही बेगम साहिबा ने मंदिर का निर्माण कराया था। स्थापना के दो-तीन साल बाद एक महामारी भी फैल गई थी। फ़िर, महामारी को दूर करने के लिए बेगम ने बजरंग बली का गुणगान किया। जिसके बाद महामारी का नामो-निशान ख़त्म हो गया था। उस वक़्त पूरे शहर में उत्सव का आयोजन हुआ। चूंकि, वह दिन मंगलवार था और ज्येष्ठ मास का महीना था। तो, उसी समय से शुरू हुआ बड़ा मंगल आज तक जारी है। इस दिन जगह-जगह भंडारे में हिंदू-मुस्लिम दोनों ही शामिल होते हैं।