UP Diwas 2023: उत्तर प्रदेश स्‍थापना दिवस पर बोले सीएम योगी- अब दंगों का नही एक्सपोर्ट का प्रदेश है यूपी

UP Diwas 2023: उत्तर प्रदेश स्‍थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव का सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उद्घाटन किया। अवध शिल्प ग्राम में उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी शामिल हुईं।

Report :  Sunil Mishraa
Update: 2023-01-24 09:38 GMT

Lucknow News (Ashutosh Tripathi)

UP Diwas 2023: 75वें उत्तर प्रदेश स्‍थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव का सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उद्घाटन किया। अवध शिल्प ग्राम में उद्घाटन के अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी शामिल हुईं। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने भी हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य मे प्रारंभ हुए तीन दिवसीय उत्सव के दौरान CM योगी आदित्‍यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा- देश की आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश है। यूपी की 25 करोड़ जनता को 75वें स्थापना दिवस जिसे 'उत्तर प्रदेश दिवस' के रूप में आयोजित किया जाता है, इस अवसर पर हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं भी देता हूं।

अब बीए, बीकॉम, बीएससी पास युवा भी होंगे सीएम अप्रेंटिसशिप स्कीम के पात्र 

आज उत्तर प्रदेश एक बार फिर से अंगड़ाई लेकर उठ खड़ा हुआ है, आगे बढ़ चला है। उत्तर प्रदेश की स्थापना का यह दिवस 'उत्तर प्रदेश दिवस' के रूप में अपने गौरव व गरिमा को लेकर आगे बढ़ रहा है। हम लोगों ने सीएम अप्रेंटिसशिप स्कीम निकाली थी, जिसके माध्यम से अब तक केवल वोकेशनल व टेक्नीकल एजुकेशन से जुड़े युवाओं को सुविधा का लाभ दे रहे थे। अब भारत सरकार के साथ मिलकर के बीए, बीकॉम, बीएससी करने वाले युवाओं के लिए भी यह योजना लाने जा रहे हैं।


2017 से हुई थी उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की शुरूआत

देश का प्रथम स्वतंत्र समर का केंद्र उत्तर प्रदेश बना था। प्रदेश का कोई जनपद, कस्बा ऐसा नहीं था जो देश की आज़ादी के साथ जुड़कर भारत को स्वाधीन कराने के संकल्प से न जुड़ा हो। आज़ादी की लड़ाई का गवाह राज्य का चौरी-चौरा और लखनऊ का काकोरी घटना भी रहा है। उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की शुरुआत 2017 में प्रदेश में डबल इंजन सरकार बनने के बाद से हुई। इस आयोजन से यूपी की सही तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। पिछले पांच वर्षों की विकास यात्रा में यूपी की पहचान बदली है। 2017 के पहले प्रदेश दंगों के प्रदेश के रूप में जाना जाता था। अब प्रदेश की पहचान एक्सपोर्ट प्रदेश के रूप में हो रही है।

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