Lucknow Fake Medicine: मेडिकल स्टोर में रेड के बाद नकली दवाओं पर बड़ा खुलासा, जान उड़ जाएंगे होश

राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद के मॉडल हाउस इलाके के दवा गोदाम से कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम व लखनऊ पुलिस ने संयुक्त रूप से यहां छापा मारकर ढाई करोड़ की नकली दवाएं बरामद की हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-23 10:17 IST

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के अमीनाबाद के मॉडल हाउस इलाके के दवा गोदाम से नकली दवाओं के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ है। कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम व लखनऊ पुलिस ने संयुक्त रूप से यहां छापा मारकर ढाई करोड़ की नकली दवाएं बरामद की हैं। पकड़ी गईं 22 तरह की दवाओं को 25 लाख में खरीदा गया था, लेकिन बाजार में इन्हें दो करोड़ रुपए में सप्लाई किया जाता था।

बताया जा रहा है कि देहरादून, मुजफ्फरनगर, हिमाचल के बद्दी में ऑर्डर देकर नकली दवाएं मंगाई जाती हैं। इस छापेमारी में गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन सरगना अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इसके साथ ही 15 प्रमुख मेडिकल स्टोर संचालकों को भी चिह्नित किया है। पकड़े गए आरोपी ने बताया कि वह पांच साल से इस कारोबार में है। नकली एंटीबायोटिक दवाएं खड़िया और नमक की मदद से बनाई जाती हैं।

कई नकली कास्मेटिक क्रीम भी बरामद करने का दावा

पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नशीली दवाइयां, इंजेक्शन और कई कास्मेटिक क्रीम बरामद करने का दावा किया है। कानपुर की क्राइम ब्रांच और गोविंदनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने दबौली टेंपो स्टैंड के पास छापा मारकर प्रतिबंधित व नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले जगईपुरवा निवासी पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से 17770 नाइट्रावेट और 48 हजार नकली एंटीबायोटिक टैबलेट जिफी बरामद की थी।

गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस दबिश दे रही

इस मामले के तार लखनऊ से जुड़ने पर कानपुर पुलिस ने अमीनाबाद प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार राय से संपर्क किया। इसके बाद कानपुर क्राइम ब्रांच, गोविंदनगर पुलिस टीम सोमवार शाम लखनऊ पहुंची। प्रभारी निरीक्षक अमीनाबाद आलोक कुमार राय के साथ मिलकर आरोपियों की निशानदेही पर मॉडल हाउस में छापा मारा गया पुलिस ने सचिन को सोमवार रात में ही पकड़ लिया और कानपुर लेकर वापस चली गई। इस गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

प्रदेश के इन जिलों में हो रही थी आपूर्ति

सचिन ने पुलिस को बताया था कि लखनऊ के साथ ही सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई समेत अन्य जनपदों में दवाओं की आपूर्ति करता है। छापा के दौरान गोदाम से बड़ी मात्रा में नशीली, नकली दवाएं, इंजेक्शन, कास्मेटिक क्रीम समेत कई अन्य सामग्री बरामद हुई हैं। जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है। बरामद दवाओं की कीमत करीब दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। प्रभारी निरीक्षक अमीनाबाद आलोक राय के मुताबिक लखनऊ के कई ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

नकली दवा निर्माता और सप्लायर ने कोरोना कॉल में खूब कमाए पैसे

आरोपी ने बताया कि कोरोना कॉल में सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं की मांग बढ़ गई थी। मांग को देखते हुए हूबहू जिफी की नकली दवाएं तैयार की। जो हूबहू असली दवा जैसे थे। पैकिंग से लेकर डिब्बे में लोगों को अंतर ढूंढना मुश्किल हो जाता था। कम रेट होने के चलते लोग आसानी से ले लेते थे। हालांकि दवा में खड़िया और साल्ट होने के चलते वह हानिकारक नही होता है।

इन जगहों पर बन रही नकली दवाएं

क्राइमब्रांच की इस छापेमारी में सामने आया कि ये दवाएं हिमांचल प्रदेश, देहरादून, रुड़की और अहमदाबाद में बन रही हैं। वहां से लखनऊ के गोदाम में दवाएं लाई गई थी। नकली दवाओं के सरगना मनीष यादव ने बताया कि पांच-छह साल से नकली दवाओं के कारोबार में लिप्त है। नकली दवाएं भी दो तरह से तैयार की जाती है। जिसके तहत एक पूरी तरह से नकली दवा होती है। जिसमें खडिय़ा के सिवा कुछ और नहीं होता। वहीं दूसरी नकदी दवाओं में दस से 20 फीसद ही साल्ट का इस्तेमाल किया जाता है। गिरोह के सदस्य अलग-अलग साल्ट की दवाएं उत्तराखंड के देहरादून, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हिमांचल के बद्दी से नकली दवाएं बनवाते थे।

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