Lucknow Fire: Levana होटल अग्निकांड पर उठ रहे सवाल, मानक पूरा किये बगैर किसने दी लग्जरी होटल बनाने की अनुमति

Lucknow Fire Hotel: यूपी की राजधानी लखनऊ में सोमवार की सुबह हजरतगंज इलाके में स्थित लेवाना होटल (Levana Hotel) में भीषण आग लग गई।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-09-05 07:58 GMT

Lucknow Fire (Image : Newstrack)

Lucknow Fire News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का पॉश इलाका माने जाने वाले हजरतगंत स्थित लग्जरी होटल लेवाना सुइट्स में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। पिछले तीन घटों से होटल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस अग्निकांड में दो लोगों की मौत हो गई है। अब तक 18 लोगों को होटल से निकाला गया है। वहीं 15 लोग अब भी होटल के अंदर फंसे हुए हैं। इन्हें खिड़की तोड़कर निकालने की कोशिशें जारी है। धुंआ भर जाने के कारण कई लोग बेहोश हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

इस हादसे के बाद होटल के सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। होटल की लोकेशन और बनावट के कारण बचाव कार्य में जुटे दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। एक पांच सितार होटल में आग लगने के बाद फायर एग्जिट की व्यवस्था न होना और बाहरी खिड़कियों को मानकों के विरूद्ध ब्लॉक करने की वजह से बचाव दल को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

मानक को दरकिनार कर बनाया गया है होटल

लग्जरी होटल लेवाना सुइट्स एक पांच सितार होटल है। यह होटल हजरतगंत इलाके में मदन मोहन रोड पर है। होटल एक ऐसे इलाके में स्थित है जो लग्जरी होटल के मानकों को पूरा नहीं करता है, ऐसे में सवाल उठता है कि लखनऊ विकास प्राधिकारण ने मानक पूरा ना करने वाले जगह पर कैसे एक लग्जरी होटल के निर्माण की मंजूरी दे दी ? इस अग्निकांड ने एकबार फिर एलडीए के भ्रष्ट अधिकारियों, इंजीनियरों और शहर में मानकों को ताक पर रखकर निर्माण करने वालों के बीच जारी सांठ - गांठ को उजागर किया है।

फायर डिपार्टमेंट भी सवालों के घेरे में

लेवाना होटल से रेस्क्यू की गई एक युवती ने बताया कि कमरे से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। यहां तक कि आग लगने के बाद होटल में लगे फायर अलार्म भी नहीं बजे। कमरे में धुंआ भरने के बाद होटल के कर्मचारी ने उन्हें आग लगने की सूचना दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि बाहरी खिड़कियों को ऐसे ब्लॉक किया गया है कि तोड़ना मुश्किल है। वे किसी तरह एक छोटी सी जगह से बाहर निकल सकें। उनका कहना था कि इस इमारत को फायर डिपार्टमेंट की तरफ एनओसी कैसे दी गई?

दरअसल, आज सुबह आग लगने के बाद जब दमकल कर्मी वहां पहुंचे तो उन्हें बाहरी खिड़कियों को तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। खिड़की में अंदर से शीशा, फिर लोहे की ग्रिल और बाद में नट बोल्टेड प्लाई लगी हुई थी। दमकल कर्मियों को हथौड़े की मदद से उन्हें तोड़ना पड़ा। लोहे की ग्रिल को तोड़ने में उन्हें सबसे अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। होटल पूरी तरह से पैक होने के कारण धुंए से भर गया था, जैसे ही कोई खिड़की टूटती धुंए का गुब्बार निकलता। ऐसे में धुंए को निकालने जेसीबी की मदद से होटल की एक दीवार को तोड़ा गया।

बता दें कि इससे पहले भी लखनऊ के होटल में आग लगने के भीषण हादसे हो चुके हैं। साल 2018 में चारबाग इलाके में स्थित दो अवैध होटलों होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में लगी आग से एक बच्चा समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच में एलडीए के 16 इंजीनियरों को दोषी पाया गया था। इनके खिलाफ चार्जशीट भी जारी की गई थी। लेकिन समय के साथ फाइल दबती चली गई और उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। 

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