Lucknow News: नगर निगम ने अभियान चला कर हटाया अतिक्रमण, लाल बाग में शर्मा होटल पर लगाया जुर्माना
Lucknow News: नगर निगम लखनऊ ने गुरुवार को नगर आयुक्त के निर्देशन पर कई मुख्य मार्ग, फुटपाथ, सार्वजनिक स्थलों पर वृहद स्तर पर अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया है।
Lucknow News: नगर निगम लखनऊ ने आज गुरुवार को नगर आयुक्त के निर्देशन पर कई मुख्य मार्ग, फुटपाथ, सार्वजनिक स्थलों पर वृहद स्तर पर अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया है। जिसके साथ में जोन-6 के अंतर्गत राम विहार कॉलोनी देवपुर, राजाजीपुरम आदि क्षेत्रों में अवैध डेरी हटाने का अभियान पुलिस बल, प्रवर्तन दल तथा कैटल कैचिंग कर्मचारियों के सहयोग से चलाया है। इस अभियान से पूर्व अतिक्रमण कर्ताओं को सूचित भी किया गया, जिससे की लोग खुद अपना सामना हटा ले जाएं।
नगर निगम ने शर्मा होटल पर लगाया जुर्माना
नगर निगम ने त्रिलोकनाथ रोड से होते हुये नावेल्टी लालबाग से होते हुए कार बाजार से कोतवाली हजरतगंज तक अतिक्रमण अभियान चलाया गया। जिसमें शर्मा होटल के सामने बरामदें में अतिक्रमण करने पर सरदार जी छोले वाले और अन्य पर रु० 1,8000 एवं मार्क्स मैन से 3000 और पांच चार पहिया वाहनों से 5000 इस प्रकार कुल 26000 रूपये जुर्माना वसूल किया गया। जिसमें लगभग 1 ट्रक सामान भी जब्त किया है। जिसके साथ लगभग 15 चार पहिया वाहन, 28 दो पहिया वाहनों को क्रेन द्वारा उठा कर हटाया गया है। जबकि ज़ोन 2 में लोक मंगल दिवस में प्राप्त शिकायत के निस्तारण हेतु वार्ड यहियागंज सुभाष मार्ग गोल मार्केट मिर्चा मंडी से कूड़ाघर के बाहर किये गये अवैध अतिक्रमण को हटानें की कार्यवाही की गयी। इस कार्यवाही के दौरान 3 झोपड़ पट्टी, 1 लकड़ी की ठेकी जब्त की गई।
अवैध डेरी से 17 जानवर कांजी हाउस भेजे
नगर निगम लखनऊ जोन-6 राम विहार कॉलोनी देवपुर, राजाजी पुरम आदि क्षेत्रों में अवैध डेरी हटाने का अभियान पुलिस बल, प्रवर्तन दल तथा कैटल कैचिंग कर्मचारियों के सहयोग से चलाया गया। इन क्षेत्रों से निरंतर गंदगी फैलाने व गोबर नाली में बहाने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही थी। जिसमे मौके पर से 4 गाय तथा 13 भैंस को सहित कुल 17 जानवरो को पकड़कर नगर निगम द्वारा संचालित ठाकुरगंज कांजी हाउस ले जाया गया है। आपको बता दें, उच्च न्यायलय के आदेशानुसार नगर निगम आवासीय क्षेत्रों में डेरी व्यवसाय की अनुमति नहीं है। नगर निगम लखनऊ द्वारा अधिकतम दो गाय लाइसेंस के साथ पालने की ही अनुमति है। जबकि नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार भैंस को अपदूषण कारक पशु माना गया और जिस कारण भैंस पालने की अनुमति नहीं दी जाती है।