Lucknow Nagar Nigam Ward No.88: लखनऊ यदुनाथ सान्याल वार्ड वार्ड की पार्षद सुनीता सिंघल, महिलाओं के लिए आरक्षित क्षेत्रों में पुरूषों का हाथ बटाना गलत नहीं

Lucknow Nagar Nigam Ward No.88 Yadunath Sanyal Parshad: मैं हमेशा क्षेत्र में रहती हूं। लोगों से बात करती हूं। जिसकी जो शिकायत होती है हमें अवगत कराता है, मैं उसका निस्तारण करती हूं

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2022-10-15 18:54 IST

Lucknow nagar nigam ward number 88 yadunath sanyal BJP Parshad Sunita Singhal 

Lucknow Nagar Nigam Ward No.88 Yadunath Sanyal Parshad: बड़ी से बड़ी योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए नगर निकाय चुनाव में चुने गए पार्षदों का अहम रोल होता है। नगर निकाय चुनाव को लगभग 5 साल हो गए है। पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र में क्या विकास कार्य किया गया? स्वच्छता के लिए क्या कदम उठाए गए? उनका राजनीतिक अनुभव कैसा रहा? उनके राजनीतिक प्रेरणा कौन हैं? जैसे तमाम विषयों पर बात करने के क्रम में Newstrack की टीम यदुनाथ सान्याल वार्ड संख्या 88 में पहुंची जहां की पार्षद सुनीता सिंघल से हमारे रिपोर्टर द्वारा किए गए बात के कुछ अंश-

प्रश्न- आपके मन में राजनीति में आने का सबसे पहला विचार कब और किन परिस्थितियों में आया?

उत्तर- मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बचपन से ही कार्यकर्ता रही हूं। समाज सेवा करती रही हूँ। 1995 में संघ ने पार्षद पद पर लड़ने के लिए कहा और इस प्रकार हमारे राजनीतिक कैरियर की शुरुआत हुई।

प्रश्न- राजनीति में आने के बाद किन प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ा?

उत्तर- कठिनाई कोई नहीं होती है ।राजनीति में आने के बाद एक अपना उद्देश्य होता है। मैं एक व्यवसाई हूं। इसके साथ में पार्षद के पद का उत्तरदायित्व भी निभाती हूं। मेरा प्रमुख कार्य व्यवसाय है। समय-समय पर कठिनाईयां आती रहती हैं। उसका निदान होता रहता है।

प्रश्न- आपके राजनीतिक प्रेरणा स्रोत कौन हैं?

उत्तर- हमारे राजनीति प्रेरणा स्रोत अटल बिहारी बाजपेई जी हैं।

प्रश्न- जिस कार्य के लिए आप राजनीति में आईं हैं, क्या वह कार्य कर पा रही हैं?

उत्तर- जी,बिल्कुल कर पा रही हूं। जो भी कुछ गलत होता है उसका राजनीतिक विरोध करते हुए मैं अपने क्षेत्र का विकास कर रही हूं। पार्कों पर भू माफियाओं द्वारा कब्जा हुआ था इसके लिए मैंने पूरी लड़ाई लड़ी और क़ब्ज़ा मुक्त कराया। मैं हमेशा सत्य के साथ अडिग खड़ा रहता हूं।

प्रश्न- नगर निकाय चुनाव के लगभग 5 साल पूरे हो चुके हैं । इन 5 सालों में आप ने कौन से प्रमुख कार्य किए हैं?

उत्तर- मैं यहां पर 5 साल से नहीं बल्कि 1995 से लगातार पार्षद हू। क्षेत्र का समुचित विकास कराना पार्षदों का दायित्व होता है। जितने भी पार्क थे सब का सौंदर्यीकरण कराया। सब को विकसित कराया। कूड़ा प्रबंधन का भी कार्य कराया। टूटी सड़कों के मरम्मत का कार्य चलता रहता है। जो भी क्षेत्र की समस्याएं आती हैं इनका तत्काल निदान किया जाता है।

प्रश्न- अभी ऐसा कोई कार्य जो आप करवाना चाह रही थीं। लेकिन अभी करवा नहीं पाईं हैं?

उत्तर- इच्छाएं अनंत होती है। हर रोज सीखती हूं। कुछ नया करने का प्रयास करती हूं। वार्ड में अगर कोई अन्य पार्षद जीतकर आता है तो उसके सामने भी कई अनेक नई चुनौतियां होंगी इसलिए इच्छा अनंत होती है।

प्रश्न- आप ने अपने वार्ड को स्वच्छ रखने के लिए क्या प्रमुख कार्य किए हैं?

उत्तर- स्वच्छता मात्र झाड़ू से सफाई कर देना नहीं होता है। सफाई के लिए कर्मचारी आते हैं । उनको मैनेज करना, सीवर सिस्टम को मैनेज करना, किसी के यहां गंदा पानी आ रहा है इस परेशानी को दूर करना जैसी तमाम चीजें चलती रहती हैं। रोज शिकायतें आती रहती हैं और रोज समाधान करती हूं। जहां लगता है कि यहां सफाई की जरूरत है मैं स्वयं करवाती हूं बिना किसी शिकायत के।

प्रश्न- जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ ताल में बेहद आवश्यक है इसके लिए आप क्या करती हैं?

उत्तर- मैं हमेशा क्षेत्र में रहती हूं। लोगों से बात करती हूं। जिसकी जो शिकायत होती है हमें अवगत कराता है, मैं उसका निस्तारण करती हूं। जनता से संचार के माध्यम से सभा के माध्यम से व्यक्तिगत तीनों माध्यम से जुड़ी रहती हूं।

प्रश्न- पार्षद पद से संतुष्ट हैं या किसी अन्य पद के लिए भी इच्छुक हैं?

उत्तर- मैं संगठन का एक ईमानदार सिपाही हूं, यदि संगठन दायित्व देता है तो हम निर्वहन करने के लिए तैयार है।

प्रश्न- आपके दृष्टिकोण से आपने इन 5 सालों में सबसे महत्वपूर्ण कौन सा कार्य किया है?

उत्तर- सभी कार्य महत्वपूर्ण होते हैं। कार्य की महत्ता हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है । इसलिए हम किसी कार्य को महत्वपूर्ण या महत्वहीन नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न- नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को आरक्षण दिया जाता है ताकि महिलाएं सक्रिय रूप से राजनीति में अपनी भूमिका निभा सकें और अन्य महिलाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करें इस पर आपके क्या विचार हैं?

उत्तर- हां, यह बात सही है कि महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में सक्रिय रहना चाहिए। लेकिन यह भी उतना ही सही है कि उसके साथ किसी पुरुष सहयोगी के रुप में कार्य कर सकता है। क्योंकि महिलाओं को घर में बच्चों को भी संभालना होता है और घर को भी संभालना होता है। अगर वह केवल राजनीति में ही लगी रहेगी तो बच्चों को और घर को कौन संभालेगा। उनके ऊपर दो-दो जिम्मेदारियां होती हैं । अगर पुरुष उसमें हाथ बटा देता है तो इसमें हमें नहीं लगता है कि कोई गलती या कोई दुरुपयोग हो रहा है।

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