CM Yogi Cabinet Meeting: सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग, कुल 30 प्रस्ताव हुए पारित, अमेठी में बनेगी जेल

CM Yogi Cabinet Meeting: पर्यटन विभाग से जुड़े दो प्रस्ताeवों को हरी झंडी दिखाई गई। मथुरा में शनि परिक्रमा मार्ग बनेगा।

Newstrack :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2022-10-13 08:31 GMT

सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग (photo: social  media )

CM Yogi Cabinet Meeting: लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 30 अहम प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. इनमें सबसे बड़ा प्रस्ताव इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. इस नीति के लागू होने से जहां एक और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, वहीं 10 लाख रोजगार के नए अवसर खुलने की बात कही जा रही है. इसमें सरकार भारी सब्सिडी भी देगी. इसके अलावा पर्यटन विभाग से जुड़े दो प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली है. जिनमें मथुरा में शनि परिक्रमा मार्ग बनेगा. इसके साथ ही सरकार ने इस बार 73 लाख मीट्रिक टन धान ख़रीद का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख मीट्रिक टन मक्का और 50 हज़ार मीट्रिक टन बाजरे की ख़रीद की जायेगी। सरकार ने किसानों से खरीद के लिए नये क्रय केंद्र खोलने का भी फैसला लिया है. 25 ज़िलों में मक्का और 18 ज़िलों में बाजरा क्रय केंद्र खुले जायेंगे।

वहीं कैबिनेट ने अमेठी में जेल बनाने को मंजूरी दे दी है. अमेठी जिले में 990 लोगों की क्षमता की जेल बनेगी. सुल्तानपुर से अलग होने के बाद अमेठी में अभी तक जेल नहीं बन पाई है. इस जिले के कैदी आज भी सुल्तानपुर जिला जेल में बंद होते हैं. अब कैबिनेट ने यहां जिला जेल बनाने को अपनी मंजूरी दे दी है।

इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022

इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में निवेश आकर्षित करने एवं तेजी से ईवी अंगीकरण प्रोत्साहित करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषित की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022

• नई नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में स्वच्छ मोबिलिटी संसाधनों के त्वरित अंगीकरण को बढ़ावा देना तथा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का सृजन करना है।

• नीति में त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था का प्राविधान किया गया है- 1) उपभोक्ताओं द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी हेतु: 2) इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माताओं हेतुः तथा 3) चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के सेवा प्रदाताओं हेतु

• नई नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी श्रेणियों की खरीद पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स एवं पंजीकरण शुल्क में छूट तथा समान छूट चौथे और पांचवे वर्ष में भी उपलब्ध होगी, यदि इलेक्ट्रिक वाहन का विनिर्माण राज्य में किया गया है

• प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी, इसमें पहले 2 लाख दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर रु. 5,000 प्रति वाहन तक: पहले 50,000 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु प्रति वाहन पर अधिकतम रु. 12,000 तक; पहले 25,000 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु प्रति वाहन रु. 1 लाख तक; प्रदेश में खरीदी गईं पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस रु. 20 लाख तक सब्सिडी दी जाएगी

• अधिकतम 1,000 ई- गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन रु. 1,00,000 तक ई- गुड्स कैरियर्स की खरीद के लिए फैक्ट्री मूल्य पर 10 प्रतिशत सब्सिडी

• पहली दो अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजनाओं में से प्रत्येक द्वारा रु. 1500 करोड़ अथवा उससे अधिक का निवेश करने वाले राज्य में न्यूनतम उत्पादन क्षमता 1 जीडब्ल्यूएच के बैटरी विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी

ईवी, ईवी बैटरी एवं अनुसंधान एवं विकास व परीक्षण सुविधाओं सहित संबंधित कंपोनेंट्स के विनिर्माण के लिए राज्य में एक विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए रु. 3,000 करोड़ या उससे अधिक का निवेश करने वाली पहली पांच एकीकृत ईवी परियोजनाओं को 20 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी

• नीति में पूंजीगत सब्सिडी को उत्पादन क्षमता के उपयोग के गुणक से जोड़ा गया है

• पहले 2,000 चार्जिंग स्टेशन के सेवा प्रदाताओं को संपूर्ण राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं को विकसित करने के लिए अधिकतम रु. 10 लाख प्रति चार्जिंग स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

इस नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल राज्य में एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली का निर्माण करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के विनिर्माण के लिए उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र बनाना भी है। वर्ष 2070 तक भारत के नेट-जीरो लक्ष्य में योगदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ नीति का उद्देश्य राज्य की क्षमता एवं अवसरों का लाभ उठाकर एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राज्य की आकांक्षा को पूरा करना है। इस नीति का लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित करना तथा 10 लाख से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। इस दिशा में, नीति में त्रिआयामी आकर्षक प्रोत्साहन व्यवस्था प्रदान की गई है, जिसमें ईवी खरीदने के लिए उपभोक्ताओं के लिए ईवी, ईवी बैटरी और संबंधित कंपोनेंट्स के निर्माताओं के लिए; तथा चार्जिंग, स्वैपिंग सुविधाएं विकसित करने वाले सेवा प्रदाताओं के लिए प्रोत्साहन लाभों का प्राविधान किया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहन के खरीदारों हेतु प्रोत्साहन

उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में से एक है, अतः राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के विकास हेतु नीति के अंतर्गत खरीदारों को आकर्षक सब्सिडी का प्राविधान किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश में खरीदे व पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट शामिल है। रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, चौथे और पांचवें वर्ष में भी मिलेगी, यदि इलेक्ट्रिक वाहन उत्तर प्रदेश में ही विनिर्मित किया जाता है। साथ ही, नई नीति में 500 करोड़ के कुल बजट परिव्यय के साथ एक आकर्षक खरीद सब्सिडी योजना का प्राविधान है, जिसे समस्त श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु एक वर्ष की अवधि के लिए अधिसूचित किया जाएगा। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें खरीदे गए पहले 2 लाख दो-पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5.000 प्रति वाहन तक पहले 50,000 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु प्रति वाहन पर अधिकतम 12,000 तक पहले 25,000 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों हेतु प्रति वाहन एक लाख रूपये तक प्रदेश में खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई - बस (गैर-सरकारी) 20 लाख तक सब्सिडी दी जाएगी तथा अधिकतम पहले 1,000 ई- गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 1,00,000 रुपये तक ई- गुड्स कैरियर्स खरीदने के लिए फैक्ट्री के मूल्य पर 10 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा अग्रिम प्रदान करने की भी अनुमति दी जाएगी।

ईवी व ईवी बैटरी और संबंधित कंपोनेंट निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन

इसके अतिरिक्त, नीति में ईवी बैटरी एवं ईवी विनिर्माण में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करने हेतु प्राविधान किए गए हैं। नई नीति में राज्य में 1 गीगावॉट की न्यूनतम क्षमता वाले बैटरी विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने हेतु रु. 1,500 करोड़ या उससे अधिक निवेश करने वाली अधिकतम पहली दो अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजनाओं के लिए अधिकतम रु. 1,000 करोड़ प्रति परियोजना के निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की गई है।

इसी प्रकार, राज्य में आर एंड डी एवं परीक्षण सुविधाओं सहित इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी बैटरी और संबंधित कंपोनेंट के विनिर्माण हेतु एक एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए 3,000 करोड़ या उससे अधिक का निवेश करने वाली पहली पांच एकीकृत ईवी परियोजनाओं को अधिकतम 500 करोड़ प्रति परियोजना के अधीन 20 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। एमएसएमई परियोजनाओं को प्रति परियोजना अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक की पूंजी सब्सिडी, जबकि वृहद् परियोजनाओं को प्रति परियोजना अधिकतम 90 करोड़ तक की पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

उच्च उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नीति के अंतर्गत प्रदान की गई पूंजीगत सब्सिडी को उत्पादन क्षमता के उपयोग के गुणक से जोड़ा गया है, जहां उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग करने पर '1' का गुणक (मल्टीपल) प्रदान किया जाएगा, जबकि 40 से 75 प्रतिशत के बीच उत्पादन क्षमता का उपयोग करने के लिए 1 का गुणक आनुपातिक रूप से प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, नीति में विनिर्माताओं को स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की गई है, जो संपूर्ण राज्य में एकीकृत ईवी परियोजना एवं अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजना स्थापित करने के लिए के लिए 100 प्रतिशत की दर से तथा मेगा, वृहद् एवं एमएसएमई परियोजनाओं के लिए पूर्वांचल व बुंदेलखंड क्षेत्र में 100 प्रतिशत की दर से मध्यांचल व पश्चिमांचल (गाजियाबाद व गौतम बौद्ध नगर जिले को छोड़कर) में 75 प्रतिशत तथा गाजियाबाद व गौतम बौद्ध नगर जिले में 50 प्रतिशत की स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।

नई नीति में प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख तक गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क की प्रतिपूर्ति का भी प्राविधान है तथा पेटेंट पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था के अंतर्गत घरेलू पेटेंट प्राप्त करने के लिए प्रति परियोजना अधिकतम रु.50,000 तथा अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने के लिए प्रति परियोजना अधिकतम 2 लाख का प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। एक वर्ष में अधिकतम पहले 50 कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी 5,000 प्रति वर्ष की दर से कौशल विकास सब्सिडी के रूप में वजीफे की प्रतिपूर्ति का प्राविधान भी किया गया है।

इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में सरकारी संगठनों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या निजी कंपनियों द्वारा उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस - सीओई) स्थापित करने के लिए अधिकतम पांच ऐसी परियोजनाओं को 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रति परियोजना अधिकतम 10 करोड़ का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

ईवी चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग सेवा प्रदाताओं हेतु प्रोत्साहन

इस नीति के अंतर्गत संपूर्ण राज्य में चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं को विकसित करने वाले सेवा प्रदाताओं को अधिकतम 2,000 ऐसे चार्जिंग स्टेशनों की सीमा के अधीन प्रति परियोजना अधिकतम 10 लाख तक तथा अधिकतम 1,000 ऐसे स्वैपिंग स्टेशनों की सीमा के अधीन अधिकतम 5 लाख प्रति स्वैपिंग स्टेशन तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने का प्राविधान किया गया है।राज्य सरकार द्वारा एक केडब्ल्यूएच के मामूली राजस्व बंटवारे के मॉडल पर 10 वर्ष के लिए पट्टे पर सरकारी भूमि उपलब्ध कराकर सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सेवा प्रदाताओं को भूमि की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

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