डीजीपी की नियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार को भेजा गया पुलिस अधिकारियों का पैनल
भेजे गए 31 नामों में सारे अधिकारी 1986 से 1990 बैच के हैं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुछ महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर शासन में कवायद शुरू हो गयी है। इस बात के पूरे आसार हैं कि नए डीजीपी की नियुक्ति ऐसी की जाएगी जो बेहद कुशल हो साथ ही जातीय आंकडे में भी फिट बैठता हो।
इस सम्बन्ध में राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को पैनल भेजा जा चुका है। भेजे गए 31 नामों में यह सारे अधिकारी 1986 से 1990 बैच के हैं। सभी मानकों को पूरे करने वाले आईपीएस अधिकारियों में ऐसे नाम हटा दिए गए हैं जिनका रिटायरमेंट छह महीने के अंदर होना है। इसमें उन्ही अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन्होंने 30 साल की अपनी सेवा अवधि पूरी कर ली हो। जो नाम राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए हैं उनमें से तीन नाम केन्द्र सरकार शार्ट लिस्ट करके वापस राज्य सरकार को भेजने के बाद फिर शासन इसमें से एक नाम तय करेगा।संभावना इस बात की है कि वरिष्ठता के आधार पर नासिर कमाल, मुकुल गोयल और आरपी सिंह का नाम ही ऊपर आएगा। पर राजकुमार विश्वकर्मा के नाम से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
डीजी जेल आनन्द कुमार ने अपनी कार्यशैली से प्रदेश की जेलों के हालात में काफी बदलाव किया है। इसके पहले वह एडीजी ला एण्ड आर्डर के पद पर भी रहे। 2023 में आनन्द कुमार का रिटायरमेंट हैं। सत्ता में आनन्द कुमार की अच्छी पकड बताई जाती है। वह काफी प्रबल दावेदारों में हैं। डीजी इंटेलीजेंस के पद पर तैनात देवेन्द्र सिंह चैहान 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। चैहान का रिटायरमेंट 2023 में होना है। लखनऊ के एसएसपी रहे अनिल कुमार अग्रवाल भी 1988 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। इस समय वह केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 2023 में रिटायर होने वाले अनिल कुमार अग्रवाल डायल 100 के पद पर रह चुके हैं। इनके अलावा 1985 के आईपीएस अधिकारी अरूण कुमार का नाम आता है जो प्रतिनियुक्ति पर डीजी आरपीएफ के पद पर तैनात है। इनके अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों में 1987 बैच के विश्वजीत महापात्रा तथा गोपाल लाल मीणा के अलावा सुजानवीर सिंह के नाम भी शामिल हैं।