Lucknow: तम्बाकू, सिगरेट में 4000 से ज्यादा कैंसर कारक, पुलिसकर्मियों को मिली कोटपा अधिनियम- 2003 की धाराओं के बारे में जानकारी

Lucknow News Today: इस मौके पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि सभी पुलिस कर्मी अपने-अपने क्षेत्रों को तंबाकू मुक्त बनाने पर जोर दें

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-09-28 15:08 GMT

Lucknow News policemen COTPA Act 2003 information given about sections

Lucknow News: राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बुधवार को पुलिस लाइन में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर तंबाकू और तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में सभी को बताया गया। इसके साथ ही सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा)- 2003 के बारे में भी जानकारी दी गयी। इस मौके पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि सभी पुलिस कर्मी अपने-अपने क्षेत्रों को तंबाकू मुक्त बनाने पर जोर दें।

तम्बाकू, सिगरेट, हुक्का व पान मसाला में 4000 से ज़्यादा विषैले व कैंसर कारक

खैनी, जरदा, हुक्का, तंबाकू युक्त पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट, मावा मिसरी, गुल एवं अन्य धुआँ रहित तंबाकू में 4000 से अधिक विषैले और कैंसर कारक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे मुंह का कैंसर हो सकता है। लगभग 95 प्रतिशत मुंह का कैंसर तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्तियों में होते हैं। टीबी, डायबिटीज, दृष्टिविहीनता, लकवा, फेफड़े एवं सांस संबंधी रोग होते हैं। किशोरावस्था में तंबाकू के सेवन से नपुंसकता तक आ सकती है। शराब, ड्रग्स, तंबाकू के सेवन से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए तंबाकू को अपनी साँसों में न आने दें।


केंद्र में दी जाती है निःशुल्क दवाएं

बलरामपुर अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र की सलाहकार डा. रजनीगंधा श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र पर न केवल तम्बाकू छोड़ने के बारे में काउंसलिंग की जाती है, बल्कि निःशुल्क दवाएं भी दी जाती हैं। वहाँ पर आए लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

कोटपा अधिनियम, 2003 के बारे में दी गई जानकारी

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डा. मयंक चौधरी ने सभी पुलिस कर्मियों को कोटपा अधिनियम, 2003 की सभी धाराओं और चालान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम, 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है। इसके साथ ही तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध है। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को और व्यक्ति के द्वारा तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बेचना प्रतिबंधित है। तंबाकू या तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करना अनिवार्य है। अधिनियम के प्रावधानों का पालन न करने पर अर्थदंड या कारावास का प्रावधान है।

150 से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मियों ने ली शपथ

इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने तंबाकू और उसके उत्पादों का सेवन न करने की शपथ ली। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के डाटा एंट्री ऑपरेटर कपिल वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिंह यादव, स्वयंसेवी संस्था वॉलएन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वीएचएआई) के जे.पी.शर्मा और लगभग 150 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने तंबाकू और उसके उत्पादों का सेवन न करने की शपथ ली। इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रवि पांडे, डा. संदीप सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी और कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।

Tags:    

Similar News