New Transfer Policy In UP: तीन साल से एक ही जिले में जमे अधिकारियों के होंगे तबादले, ये है नई तबादला नीति

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की इस नई तबादला नीति के तहत तीन साल से एक ही जिले में जमे अधिकारियों के तबादले किये जायेंगे।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-09 15:42 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: डिजाईन फोटो- न्यूजट्रैक  

New Transfer Policy In UP: योगी सरकार का अब सूबे के अधिकारियों पर शिकंजा कसना जारी हो गया है। अब सरकार ने यह तय कर दिया एक जनपद में पिछले तीन सालों से जमे अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। फिर वो चाहे डीएम, एसएसपी हो या फिर कोई भी प्रशासनिक अधिकरी हों। सभी अधिकारी अब सरकार के इस नियम में शामिल हैं।

योगी सरकार की इस नई तबादला नीति के तहत समूह क, ख, ग,व घ वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले अब विभाग प्रमुख अपने मंत्रियों से आदशों के तहत कर सकेंगे। तीन तीन साल से एक ही जिले में जमें अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए तिथि आगामी 15 जुलाई 2921 मुकर्रर की गई है। सीएम कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया है कि सचिवालय के कर्मी इसके दायरे में नहीं आएंगे। स्मरण रहे कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी के मद्दे नजर 12 मई 2020 से तबादले पर रोक लगा दी थी। जिसके चलते अधिकारियों व कर्मियों के तबादले नहीं किये गए थे लेकिन अब नई तबादला नीति के तहत विभाग प्रमुखों को तबादले करने के अधिकार दिए जा चुके हैं।

तबादले रुकवाने वाले अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ सख्त योगी सरकार

सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह मानकर इस तबादला नीति को लागू किया है कि आगामी विधानसभा के चुनाव के मद्दे नजर यह तबादले होना अत्यंत जरूरी है। सीएम योगी इस बात पर भी अब बेहद सख्त हैं कि अधिकारियों व कर्मियों के इन तबादलों को रुकवाने को लेकर जो भी अधिकारी व कर्मी दवाब बनायें उनको भी सूचीबध्द किया जाए ताकि उनके खिलाफ भी कार्रवाही की जा सके।

सीएम कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि रजिस्टर्ड कर्मचारियों के संगठनों के अध्यक्षों सचिवों व जिला अध्यक्षो व सचिवों के ट्रांसफर पद पर आसीन होने के दो साल तक नही किये जायेंगे।अगर इनके ट्रांसफर बहुत जरूरी हुए तो उच्च स्तर के अधिकारियों से अनुमति लेकर ही किये जा सकेंगे।

सरकार की नई तबादला नीति

सीएम कार्यालय के प्रवक्ता ने सरकार की नई तबादला नीति के बारे में बताया कि यूपी के आठ जिलों सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच के सभी विभाग प्रमुख के प्राथमिकता के आधार दो साल के बाद विकल्प के आधार पर ट्रांसफर किये जायेंगे। इसमे साथ ही दो वर्ष में रिटायर होने वाले समूह ग के कर्मियों को उनके गृह जनपद व समूह क व ख के कर्मियों को उनके मनपसंद के जिलों में ट्रांसफर पर विचार किया जाएगा।

इसके साथ ही पति पत्नी के सरकारी सेवा होने पर उनको एक ही जिले में तैनाती देने पर सरकार विचार करेगी।दिव्यांग कर्मी व ऐसे कर्मी जिनके आश्रित दिव्यांग हैं वे इस तबादला नीति के दायरे में नहीं आएंगे।ऐसे कर्मियों का तबादला गम्भीर शिकायतों के बाद ही किया जाएगा।साथ ही उनके अनुरोध पर भी उनका ट्रांसफर किया जा सकता है।

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