UP Election: 10 सितम्बर को लखनऊ आ रही हैं प्रियंका गांधी, चुनाव तैयारियों की करेंगी समीक्षा

कांग्रेस पार्टी ने यूपी चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को और रफ्तार देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 10 सितंबर को लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर आ रही हैं।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-07 17:48 GMT

प्रियंका गांधी वाड्रा (फोटो : सोशल मीडिया )

UP Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को और तेज कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी यूपी चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को और रफ्तार देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 10 सितंबर को लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर आ रही हैं। यूपी कांग्रेस नेताओं के मुताबिक प्रियंका 10 सितंबर को लखनऊ पहुंचेगी और चुनाव को लेकर 2 दिन पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा करेंगी।

यूपी चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यकों को पार्टी से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की कवायद में लग गई है, सोनिया गांधी ने इसकी कमान युवा नेता इमरान प्रतापगढ़ी को सौंप रखी है, चुनाव से पहले इमरान प्रतापगढ़ी को अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना एक बड़ा कदम था, इमरान प्रतापगढ़ी की युवाओं के साथ बुजुर्गों, महिलाओं में अच्छी खासी पकड़ अल्पसंख्यकों में मानी जाती है

अल्पसंख्यक नेताओं को लाया जायेगा वापस

वहीं बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद इमरान प्रतापगढ़ी सोमवार को पहली बार लखनऊ पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ, इस दौरान उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है वह उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे, इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने प्लान का खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी से मुस्लिमों को जोड़ने के लिए वह घर-घर जायेंगे, जो लोग कांग्रेस छोड़ कर चले गए हैं उन्हें वापस लाने का कार्य करेंगे, इसके साथ ही कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग 16 सूत्रीय एजेंडा भी तैयार किया है,

16 सूत्री प्रस्ताव तैयार

16 सूत्रीय प्रस्ताव में जिन मुद्दों को शामिल किया गया है, उसमें दंगों की जांच और मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून के वादे के अलावा, सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बंद किए गए टेनरियों को खोलने, सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने का भी वादा किया गया है। पिछले 30 वर्षों में वक्फ संपत्तियों में अनियमितताओं की जांच, मनमोहन सिंह सरकार द्वारा घोषित अल्पसंख्यकों के लिए 2350 करोड़ के पैकेज का कार्यान्वयन, अल्पसंख्यकों के छात्रों के लिए मौलाना आजाद छात्रावास, कानपुर में 1992 के दंगों में माथुर आयोग की रिपोर्ट का कार्यान्वयन और ऐसे निर्दोष व्यक्तियों को मुआवजा, जिनके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गाय संरक्षण कानून के तहत मामलों को खारिज कर दिया गया है।

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