Alt News: मो. जुबेर की जांच के लिए योगी सरकार ने गठित की SIT, आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में होगी जांच

Alt News: सरकार ने मोहम्मद जुबेर से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। यह एसआईटी आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है।

Update: 2022-07-12 13:46 GMT

ऑल्ट न्यूज के सह संपादक मोहम्मद जुबेर: photo - social media

Lucknow: ऑल्ट न्यूज के सह संपादक मोहम्मद जुबेर (Alt News co-editor Mohammad Zubair) पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलग-अलग जिलों में दर्ज मामलों में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक मामले में उनकी अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी है। इस बीच यूपी सरकार ने उन पर दर्ज मामलों की जांच के लिए एक बड़ा फैसला किया है।

सरकार ने मोहम्मद जुबेर से जुड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। यह एसआईटी आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है, जो जुबेर से जुड़े उत्तर प्रदेश में सभी मामलों की जांच करेगी। एसआईटी टीम में डीआईजी अमित कुमार वर्मा भी शामिल हैं, जुबेर पर यूपी के सीतापुर, लखीमपुर, हाथरस और मुजफ्फरनगर में अलग-अलग मामले दर्ज हैं।

सरकार ने गठित की एसआईटी

बता दें सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मोहम्मद जुबेर को बड़ी राहत देते हुए सीतापुर जिले में कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में उन पर दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक बढ़ा दी थी। जबकि दिल्ली में दर्ज एक अन्य मामले की सुनवाई 14 जुलाई को होनी है। जुबेर इस वक्त दिल्ली की एक अदालत के आदेश के मुताबिक न्यायिक हिरासत में हैं, उन्हें पूछताछ और जांच के लिए सीतापुर भी लाया जा चुका है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली हुई है। इसके साथ दूसरे जिलों में दर्ज मामलों की जांच के लिए अब सरकार ने एसआईटी बना दी है।

क्या है एसआईटी? (What is SIT?)

एसआईटी का मतलब होता है Special Investigation Team. इसे आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किया जाता है। इसमें अवकाश प्राप्त न्यायाधीश और कुछ विशेषज्ञ रखे जाते हैं। इसे ऐसी विशेष जांच एजेंसी माना जाता है, जो किसी भी दबाव में आए बगैर हाई प्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम कर सकती है।

पिछले कुछ सालों में सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में एसआईटी का गठन किया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि एसआईटी का गठन केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकती है। राज्य या केंद्र सरकार भी ऐसा कर सकती हैं। कई मामलों में राज्य सरकारों ने भी एसआईटी का गठन किया है।

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