संजीत अपहरण व हत्याकांड: पुलिस की लापरवाही पर विपक्ष का योगी सरकार पर हमला

कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने टवी्ट किया कि यूपी में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है।आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है।

Update:2020-07-24 20:04 IST

लखनऊ: अभी विकास दुबे के एनकाउंटर पर विपक्षी दलों द्वारा यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवालों का दौर थमा भी नहीं था कि संजीत यादव के अपहरण व हत्या के मामलें में एक बार फिर यूपी पुलिस पर विपक्ष हमलावर है। खास बात यह है कि ये मामला भी कानपुर पुलिस से ही जुड़ा है और इसमे पुलिस की लापरवाही की बात सामने आ रही है।

यूपी में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी- प्रियंका गांधी

कानपुर के बर्रा थानाक्षेत्र से बीती 21 जून को अपहरण किए गए लैब टैक्नीशियन संजीत यादव की हत्या की खबर आने के बाद सियासी दलों ने एक बार फिर यूपी पुलिस और योगी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने टवी्ट किया कि यूपी में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है।

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आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है।

सपा-बसपा ने भी साधा निशाना

इस घटना पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुखद व निन्दनीय। प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए, बीएसपी की यह मांग है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टवी्ट किया कि कानपुर से अपह्रत इकलौते बेटे की मौत की खबर दुखद है।

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चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। अब सरकार 50 लाख का मुआवजा व दी गयी फिरौती की रकम भी दे। उन्होंने कहा कि सपा मृतक के परिवार को 05 लाख की मदद देगी। इसके आगे उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा कि अब कहां है दिव्य-शक्त् सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मण्डल व उनकी ज्ञान मण्डली।

नाराज़ सीएम योगी ने अफसरों पर गिराई गाज

इधर, कानपुर की घटना पर बुरी तरह नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक आईपीएस, एक डीएसपी सहित चार अफसरों को निलंबित कर दिया है। जबकि अपहरण की घटना में फिरौती के लिए पैसे दिए गए या नहीं? इस संबंध में एडीजी, पुलिस हेडक्वार्टर्स लखनऊ बीपी जोगदंड को तुरंत कानपुर पहुंचकर जांच करने का निर्देश दिया गया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि बर्रा थाना पर बीती 23 जून को शिकायत दर्ज हुई थी, जिस पर 26 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। 29 जून को फिरौती का कॉल आया।

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जिस पर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई। इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें संजीत के कुछ दोस्त और अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं। पकड़े गए लोगों ने कबूला है कि इन लोगों ने बीती 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी और पांडु नदी में शव को बहा दिया था। फिलहाल अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है।

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