Lucknow Pakka Pul: कल से हल्के वाहनों के लिए खुल जायेगा पक्का पुल, भारी वाहनों को करना पड़ेगा इंतजार
Lucknow Pakka Pul: लखनऊ वालों के लिए राहत भरी खबर। कल से हल्के वाहनों के लिए खुल जाएगा पक्का पुल। जिससे काफी लोगों का आना जाना सुगम हो जाएगा।
Lucknow News Today: लखनऊ वालों के लिए राहत भरी खबर। कल से हल्के वाहनों के लिए खुल जाएगा पक्का पुल (Lucknow ka Pakka Pul)। जिससे काफी लोगों का आना जाना सुगम हो जाएगा। हालांकि अभी जांच रिपोर्ट के आने तक भारी वाहनों पर रोक लगी रहेगी। आज 18 दिसंबर को पक्का पुल का लोड टेस्ट पूरा हो जाएगा। इसके बाद कैपो टेस्ट के माध्यम से मजबूती की जांच की जाएगी।
बाता दें कि दिल्ली,बरेली,सीतापुर और लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर टीले वाली मस्जिद के समीप निर्मित पक्के पुल की भार वहन क्षमता( लोड बीयरिंग टेस्ट) का परीक्षण करने के लिए 16 दिसंबर से 18 दिसंबर, 2022 तक यातायात का आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित रखा गया है। टेस्ट के बाद 19 दिसम्बर, 2022 से पक्का पुल को हल्के वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
जांच के लिए पक्का पुल को किया गया ठगा बंद
पक्का पुल चलने लायक है या नहीं इसकी जांच के लिए लोक निर्माण विभाग ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) को पत्र लिखा था। इसके बाद टीम ने 16 दिसंबर से जांच शुरू कर दिया। इससे यह भी पता लग जाएगा कि पुल मरम्मत से ठीक किया जा सकता है या फिर दोबारा बनाना पड़ेगा। जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था 3 दिन से प्रभावित है। जांच के पूरा होने तक यहां पर ट्रैफिक व्यवस्था बंद रहेगा।
गौरतलब है कि लगभग एक महीना पहले लोक निर्माण विभाग की तरफ से कराए गए जांच में पुल में कई जगह से क्रेक मिले थे। पुल की मरम्मत को लेकर तैयार रिपोर्ट में करोड़ों रुपए के खर्चे का अनुमान लगाया गया था। इसके बाद पुल को कमजोर मानते हुए भारी वाहनों के यातायात पर रोक लगा दिया गया। लेकिन बैठक में यह फैसला लिया गया कि इसकी मरम्मत से पहले विशेषज्ञ संस्था सीआरआरआई से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। जिससे स्पष्ट हो सके की पुल की वास्तविक स्थिति क्या है। उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने विशेषज्ञ संस्था को पत्र लिखा था।
लगभग 6 साल पहले तक गोमती नदी के इस तरफ आने और उस तरफ जाने के लिए यह इकलौता पुल था। इस पर लोड कम करने के लिए लगभग 6 साल पहले एक नया पुल का निर्माण किया गया। इसके बाद भी यहां से काफी मात्रा में भारी वाहनों का आना जाना था। अभी तक इस पर दोनों तरफ से भारी व हल्के वाहन चल रहे थे।
1914 में हुआ था निर्माण
1857 क्रांति के बाद अंग्रेजों ने अवध को संभाला। यहां पहले से बने शाही पुल को 1911 में तोड़कर उसके स्थान पर पक्का पुल का निर्माण शुरू कराया गया। 10 जनवरी, 1914 को पक्का पुल बनकर तैयार हुआ। इसके निर्माण में लॉर्ड हार्डिंग का अहम योगदान है। इसलिए इसे हार्डिंग ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है।
पक्का पुल एक दृष्टि में
पुल की कुल लंबाई 300 मीटर है, चौड़ाई - 7 मीटर, निर्माण- 10 जनवरी, 1914, फूल की डिजाइन- यह पुल आर्च डिजाइन का है और पुल के दोनों ओर छह-छह अटारियां (बालकनी) हैं।