Azam Khan: आजम खां के डाई हेयर देख हैरान हुए लोग, पूछा कौन करता है जेल में यह काम
Azam khan News: आजम खां आज जब जल निगम भर्ती घोटाले को लेकर लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश हुए तो काले चश्मे के साथ उनके डाई किए हुए बालों को देखकर लोगों ने सवाल उठाए कि आखिर जेल के अंदर उनके बाल कौन कलर कर रहा है।
Azam khan News Today: पिछली सरकार में नगर विकास मंत्री रहे मो आजम खां (Moh. Azam Khan) आज जब जल निगम भर्ती घोटाले को लेकर लखनऊ की सीबीआई कोर्ट (CBI Court of Lucknow) में पेश हुए तो काले चश्मे के साथ उनके डाई किए हुए बालों को देखकर लोगों ने सवाल उठाए कि आखिर जेल के अंदर उनके बाल कौन कलर कर रहा है। यही नहीं आजम खां के चेहरे में संतुष्टि के भाव देखकर भी लोग हैरान हुए। हांलाकि छह महीने बाद लखनऊ में पेश होने आए रामपुर के सांसद मो आजम खां (Rampur MP Mohd Azam Khan) पर आरोप तय नहीं हुए और वह वापस सीतापुर जेल चले गए पर सत्ता के गलियारों में लोग सवाल उठाते रहे।
कब हुआ था जल निगम भर्ती घोटाला
उत्तर प्रदेश में जब पिछली बार 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी की सरकार थी और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former CM Akhilesh Yadav) थें तभी जल निगम में बम्पर भर्तियां हुई थी। इस दौरान समाजवादी पार्टी के मोहम्मद आजम खां नगर विकास मंत्री के साथ ही यूपी जल निगम भर्ती बोर्ड के चेयरमैन भी थे। लेकिन जब प्रदेष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार का गठन हुआ तो इन 1188 नियुक्तियां को रद्द कर दिया।
नियमों को ताक पर रखकर हुई थी 1300 पदों पर हुई थी भर्तियां
इन भर्तियों में जल निगम में 853 जूनियर इंजीनियर और 335 बाबुओं की भर्ती हुई थी। भर्तियों को लेकर कई सवाल उठे थें बाद में इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेष दिए गए थें। आजम के खिलाफ आरोप है कि साल 2016-17 में जल निगम के भर्ती बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए उनके द्वारा 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी की गई।इस मामले में एसआईटी के वरिष्ठ लोक अभियोजक ओम प्रकाश राय के मुताबिक 19 जुलाई, 2021 को इस मामले में सपा सांसद आजम खान को जरिए वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायिक हिरासत में लिया गया था।
2018 में हुई थी मामले की एफआईआर
25 अप्रैल, 2018 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ की एसआईटी थाने में निरीक्षक अटल बिहारी ने दर्ज कराई थी। जिसमें आजम खान के साथ ही तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद, नगर विकास उप्र शासन के तत्कालीन सचिव श्रीप्रकाश सिंह, उप्र जलनिगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक प्रेम प्रकाश आसूदानी व तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे तथा भर्ती प्रक्रिया मे शामिल अन्य को नामजद किया गया था।
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