Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय का इनक्यूबेशन सेन्टर आपके स्टार्ट-अप को देगा पंख
Lucknow University: विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने के साथ ही छात्र छात्राओ को न केवल रोजगारपरक शिक्षा बल्कि रोजगार देने वाले युवा के लिए तैयार कर रहा है।
Lucknow University: यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं, स्टार्ट-अप खोलना चाहते हैं और आपके पास बेहतरीन आईडिया है, तो सीधे लखनऊ विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर से संपर्क कर सकते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेंटर ने स्टार्ट-अप आईडिया के लिए आवेदन मांगे हैं। यहां पर 2022 में इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई थी। विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने के साथ ही छात्र छात्राओ को न केवल रोजगारपरक शिक्षा बल्कि रोजगार देने वाले युवा के लिए तैयार कर रहा है ।
इनक्यूबेशन सेन्टर के निदेशक प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ल ने बताया कि उत्तर प्रदेश मे स्टार्ट अप के लिए अनेक संभावनाएँ हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने विशेष सरकार से बजट निर्धारित किया है तथा स्टार्ट अप को मदद मुहैया करवाने तथा प्रोत्साहित करने के लिए विशेष नीति बनाई है। उत्तर प्रदेश द्वारा मान्यता प्राप्त इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से यह मदद मुहैया करवाई जाती है।
जाने क्या है इनक्यूबेशन सेंटर
इनक्यूबेशन सेंटर नवउद्यमियों के लिए एक प्रारंभिक मंच की तरह होता है, जो शुरुआती दौर में स्टार्टअप की संरचना तथा उसे आगे बढ़ने में उद्यमी की मदद करता है। इसका मुख्य उद्देश्य उद्यमियों के लिए एक सुगम वातावरण तथा जरूरी मदद एक ही स्थान पर मिलने से वे नए व्यवसाय की शुरुआत करते हैं और अपने स्टार्टअप के विकास योजनाओं को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाते हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर के फायदे
विश्वविद्यालय तथा उच्च शिक्षण संस्थानों में इनक्यूबेशन सेन्टर की स्थापना से लाइब्रेरी, मीटिंग, कॉन्फ्रेंस, कैंटीन, पुस्तकालय के साथ तकनीकी सहयोग आसानी से सुलभ हो जाता है। इसके अतिरिक्त नव उद्यमियों को अपने बिजनेस को विकसित करने के लिए समय-समय पर नई तकनीकी जानकारी, उपकरण व प्रशिक्षण के साथ ही यह बताया जाता है कि वे अपने स्टार्टअप के लिए पैसा कहां से जुटाएं तथा नए आइडियाज के लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैसे करें। बताते चलें कि स्टार्टअप के इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ने के लिए लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन होना तथा dpiit (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। इसमें विश्विद्यालय से बाहर के लोग भी जुड़ सकते हैं बशर्ते उनकी कंपनी का प्रमुख कार्यालय क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हो।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो पूनम टंडन ने बताया कि कुलपति प्रो आलोक कुमार राय इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ी सेक्शन-8 कंपनी नवांकुर फाउंडेशन के चेयरमैन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय हैं तथा उन्होंने समय-समय लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े सभी छात्रों एवं शिक्षकों को शोध एवं नवाचार को स्टार्टअप के स्तर तक लाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
इच्छुक गूगल फॉर्म या ईमेल के जरिए कर सकते हैं आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय में ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने स्वयं आवेदन मांगे हैं। इच्छुक स्टार्टअप गूगल फॉर्म या ईमेल Incubationcelllu@lkouniv.ac.in के जरिए विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेंटर तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेन्टर के निदेशक प्रो अमृतांशु शुक्ल, फार्मास्युटिकल साइंस विभाग के डॉ. पुष्पेंद्र त्रिपाठी एवं रसायन विभाग की डॉ. सीमा मिश्रा केंद्र के अतिरिक्त निदेशक हैं तथा कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ. हिमांशु पांडेय, रसायन विभाग की डॉ. प्रतिभा बंसल, आईएमएस की डॉ. आस्था शर्मा इस केंद्र की सदस्य हैं। आप इनमें से किसी से भी संपर्क कर सकते हैं।