Lucknow University में Stress Management पर हुई वर्कशॉप, तनाव कम करने के दिए टिप्स

Lucknow News: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय के भैषजिक विज्ञान संस्थान में छात्रों के परीक्षा के तनाव को मुक्त करने के लिए आज स्ट्रेस मैनेजमेंट विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-03-28 14:44 GMT

Lucknow University में Stress Management पर हुई वर्कशॉप।

Lucknow: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के "भैषजिक विज्ञान संस्थान" (Institute of Pharmaceutical Sciences) में बीफार्मा प्रथम सेमेस्टर की सेमेस्टर परीक्षा अप्रैल के प्रथम सप्ताह से प्रस्तावित हैI छात्रों के परीक्षा के तनाव को मुक्त करने के लिए सोमवार को संस्थान के सेमिनार हाल में "स्ट्रेस मैनेजमेंट" विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वहीं, राष्ट्रीय सेवा योजन सभागार में 'फेस पेंटिंग एवं हैंड पेंटिंग' प्रतियोगिता व 'कविता वाचन प्रतियोगिता' का आयोजन हुआ।

'निपुणता के लिए 10 हजार घण्टे काम करें'

जिसमें मुख्य वक्ता इंस्टिट्यूट ऑफ़ वीमेनस स्टडीज (Institute of Women's Studies) के डिपार्टमेंट ऑफ़ साइकोलॉजी (department of psychology) की हेड डॉ. अर्चना शुक्ला (Head Dr. Archana Shukla) ने छात्रों के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट के विभिन्न तकनीकियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में संस्थान के विद्यार्थी, शिक्षकगण, एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।


भैषजिक विज्ञान संस्थान (Institute of Pharmaceutical Sciences) के निदेशक प्रो पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी (Director Prof. Pushpendra Kumar Tripathi) ने मुख्य वक्ता को बुके देकर स्वागत किया। डॉ अर्चना शुक्ला ने बताया कि अपनी ताकत और अपनी कमजोरी को पहचाने। दोषारोपण बंद करें। और उन्होंने बताया कि हम किसी भी काम को 10 हजार घंटे लगातार करते हैं, तो हम उस क्षेत्र में निपुण हो जाते हैI


फेस पेंटिंग, हैंड पेंटिंग और कविता वाचन प्रतियोगिता

राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर के पांचवे दिन 'फेस पेंटिंग एवं हैंड पेंटिंग' प्रतियोगिता व 'कविता वाचन प्रतियोगिता' का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना सभागार में हुआ। फेस पेंटिंग-हैंड पेंटिंग प्रतियोगिता की थीम 'युद्ध, शांति एवं वन्य जीवन' और कविता वाचन प्रतियोगिता की थीम 'आजादी का अमृत महोत्सव' रखा गया। शिविर के पांचवें दिन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को ओरल हाइजीन जागरूकता पर प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान स्वयंसेवकों को ओरल हाइजीन के अंतर्गत मुख की साफ-सफाई, दांतों की सफाई व मुख की साफ-सफाई किस प्रकार शरीर के बाकी अंगों को प्रभावित करती है। इसके बारे में जानकारी प्रदान की गई।

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