Lucknow University: फार्मा सेक्टर में बढ़ा छात्र-छात्राओं का रुझान, यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप के साथ दी जाएगी स्टार्ट-अप की ट्रेनिंग

Lucknow: लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में छात्र-छात्राओं का रुझान बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष पिछ्ले साल की तुलना में लगभग तीन गुना फार्म प्राप्त हुए हैं

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-10-04 14:33 GMT

फार्मा सेक्टर में बढ़ा छात्र-छात्राओं का रुझान

Lucknow: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (VC Alok Kumar Rai) ने कोविड जैसी महामारी के समय प्रदेश में उपजी स्थिति देखते हुए यूनिवर्सिटी में फार्मा कोर्सेज को शुरू (Pharma courses started in Lucknow university) करने का फैसला लिया था, जिसके बाद, जमीनी स्तर की तैयारियां करने के बाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की औपचारिक शुरुआत सत्र 2021- 2022 में बी. फार्म एवं डी. फार्म. कोर्सेज से हुई।

पिछ्ले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा प्राप्त हुए फार्म

मात्र एक वर्ष पूर्व शुरू किये गये इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष पिछ्ले साल की तुलना में लगभग तीन गुना फार्म प्राप्त हुए हैं। प्रथम राउंड की काउंसिलिंग में ही आधे से ज्यादा सीटे भरी गई, जिसमे प्रवेश लेने वाले छात्र न केवल प्रवेश परीक्षा के टाप रैंकिंग वाले छात्र हैं, बल्कि भारत के विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं। बता दें कि बी. फार्मा. की प्रक्रिया 06 अक्टूबर से एकेटीयू के माध्यम से CUET में पास सदस्यों के रजिस्ट्रेशन एवं कॉउंसलिंग द्वारा की जा रही है।

इंटर्नशिप के साथ दी जाएगी स्टार्ट-अप की ट्रेनिंग

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कुलपति के विजन एवं मिशन मोड मे कार्य करने की सराहना करते हुए बताया कि कुलपति द्वारा बनाए गए संस्थान के रोडमैप के अनुसार संस्थान से शिक्षित छात्र न केवल देश-विदेश की उत्कृष्ट फार्मा उद्योग में रोजगार पा सकेंगे। बल्कि, रोजगार देने मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके लिए पाठ्यक्रम में इंटर्नशिप के साथ ही साथ विश्वविधालय में स्थापित इन्क्यूबेशन सेल के माध्यम से स्टार्ट-अप चलाने की ट्रेनिंग भी छात्रों को दी जाएगी। इसके लिए देश की कई बड़ी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं व फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज को एक सूत्र में पिरोकर एक नेटवर्क बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में हुई बैठक में युनिचेम लैबोरेट्रीज, एब्बोट इंडिया, सनफार्मा, अल्केम, फार्मा सिंल्ट फार्मूलेशन, जी. प्राक्सेन, लाइफ केयर इन्नोवेशन सहित अनेक नामी कंपनियों के उच्च अघिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश के फार्मा इंडस्टीज के संरक्षक वीर अंजनी सक्सेना एवं उत्तर प्रदेश ड्रग रेगुलेशन & अथॉराइजेशन के डॉ एके जैन भी उपस्थित रहे।

स्टार्ट-अप एवं शोध को दिया जा रहा बढ़ावा

प्रोफेसर पुष्पेंद्र ने बताया कि आज के युवा कुछ नया करने ।के बहुत इच्छुक रहते हैं। इसके लिए स्टार्ट - अप एवं शोध की रूचि को संस्थान में विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी संदर्भ में फार्मेसी दिवस के उपलक्ष्य में 25 सितम्बर को हुए कार्यक्रम में प्रदेश के अयोध्या की राम मनोहर लोहिया यूनियन, आईआईटी बीएचयू, सीएसजेएमयू कानपुर, एरा विश्विद्यालय और एकेटीयू के कई छात्र - छात्राओं द्वारा शोध एवं स्टार्ट-अप संबंधी 60 से ज्यादा पेपर, पोस्टर एवं मैखिक रूप से प्रस्तुत किये गए। उनमें से चुने हुए शोध को इन्क्यूबेशन सेल के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए संस्थान आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन दे रहा है।

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