लखनऊ हिंसा : दारापुरी व सदफ जाफर को 50-50 हजार की प्रतिभूति पर मिली जमानत

पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी समेत अन्य लोगों को 19 दिसंबर को हुई लखनऊ में हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को अदालत ने जमानत पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था तथा शनिवार को जमानत मंजूर किये जाने का फैसला सुनाया।

Update: 2020-01-04 13:43 GMT

लखनऊ। नागरिकता संशोधन बिल पर लखनऊ हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गए सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और पवन राव आंबेडकर समेत 12 लोगों को जमानत मिल गई है। अदालत ने 50-50 हज़ार की प्रतिभूति पर इन लोगों की जमानत मंजूर की है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी समेत अन्य लोगों को 19 दिसंबर को हुई लखनऊ हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को अदालत ने जमानत पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था तथा शनिवार को जमानत मंजूर किये जाने का फैसला सुनाया।

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इस संबंध में अधिवक्ता संजीव पांडे ने बचाव पक्ष की ओर से बहस की। एडवोकेट संजीव पांडे ने बताया कि अन्य लोग जिनकी जमानत मंजूर हुई उनके नाम होम गार्ड समीम अहमद, होम गार्ड मो. एजाज, वसीम, नफीस, नसीम, शाह फैज, मो. शोएब, हमजा हुसैन और नासिर हैं। इन सभी को 50-50 हजार की प्रतिभूति पर रिहा किया गया है।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इन गिरफ्तारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी स्कूटी से दारापुरी के परिजनों से मिलने गई थीं।

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हिंसा मामले में रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी समेत चार अन्य को कुर्की का नोटिस भेजे जाने की खबर भी आई थी। हालांकि, पुलिस ने उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए जो सूची तैयार की, उसमें इन चारों का नाम शामिल नहीं था। बाद में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि गलती से चारों का नाम सूची में नहीं डाला जा सका था। दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर और मो. शोएब को हजरतगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन लोगों पर धारा 144 का उल्लंघन कर सम्मेलन करने व उपद्रव और हिंसा के आरोप थे।

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