Lucknow News: लड्डू खाकर बीमार हुए 25 लोग, बलरामपुर अस्पताल में चल रहा इलाज

Balrampur Hospital: परिजन मोहम्मद अल्ताफ ने बताया कि उनकी बहन के घर बेटा होने की खुशी में हाजी जी की दुकान से लड्डू खरीदकर भेजे गए थे। लड्डू खाने के बाद कुल 22 लोगों तबीयत बिगड़ गई। जिसमें 17 बच्चे शामिल हैं।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-04-28 15:15 IST

Lucknow News: राजधानी में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक ही दुकान के लड्डू खाने से लगभग 25 लोग बीमार हो गए हैं। उपचार के लिए मरीज बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। आरोप है कि नक्खास स्थित एक मिठाई की दुकान से जिसने जिसने लड्डू खाए, वह सभी बीमार हो गए।

लड्डू खाकर बीमार हुए बच्चे

नक्कास क्षेत्र स्थित हाजी साहब की दुकान के लड्डू खाने से कई लोग बीमार हो गए। जानकारी के मुताबिक पांच वर्षीय बच्ची रिजा की तबीयत शुक्रवार को लड्डू खाने के बाद बिगड़ गई। रिजा को लगातार उल्टियां हुई। इसके साथ ही पेट दर्द और दस्त की दिक्कत हुई। बच्ची को रात 11 बजे बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा फैजुल्लागंज और मेहदीगंज के कई लोग लड्डू खाने से बीमार हो गए। मेहंदीगंज निवासी सात साल की सुमायरा ने शनिवार शाम को लड्डू खाया था। इसके करीब एक घंटे बाद बच्ची को उल्टी और दस्त की शिकायत हुई। उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज किया गया।

एक परिवार के 22 लोग बीमार

अकबरी गेट निवासी एक परिवार के करीब 22 लोग भी लड्डू खाने से बीमार हो गए। सभी को डायरिया की शिकायत हुई। मरीजों के बिगड़ती तबियत को देखते हुए सभी को शुक्रवार रात 12 बजे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चों को दवाएं व इंजेक्शन दिए गए। हालत में सुधार देख मरीजों को शनिवार दोपहर को डिस्चार्ज कर दिया गया। दो वर्षीय हसनैन और 12 वर्षीय बिलाल को अभी भी डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। परिजन मोहम्मद अल्ताफ ने बताया कि उनकी बहन के घर बेटा होने की खुशी में हाजी जी की दुकान से लड्डू खरीदकर भेजे गए थे। लड्डू खाने के बाद कुल 22 लोगों तबीयत बिगड़ गई। जिसमें 17 बच्चे शामिल हैं।

समय पर हुआ बच्चों का इलाज

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के अनुसार बच्चों गर्मी में खोए लड्डू खाने से गौस्ट्रो इंटस्टाइन की शिकायत हो गई। जिससे उन्हें उल्टी और दस्त शुरु हो गए। समय से सभी मरीजों का इलाज किया गया। दो बच्चों को अभी भी निगरानी में रखा गया है। बाकी बच्चे कल डिस्चार्ज कर दिए गए थे।

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