Lucknow News: आईटी के बाद ED की रडार पर MI टाउनशिप, जांच के घेरे में IAS सत्येंद्र सिंह

Lucknow News: राजधानी के अर्जुनगंज में बनी MI बिल्डर्स की हाईटेक टाउनशिप MI रसल कोर्ट अब जांच के घेरे में आ गई है।

Report :  Santosh Tiwari
Update:2024-11-18 14:09 IST

Lucknow News: राजधानी के अर्जुनगंज में बनी MI बिल्डर्स की हाईटेक टाउनशिप MI रसल कोर्ट अब जांच के घेरे में आ गई है। हाल ही में इनकम टैक्स (IT) ने MI बिल्डर्स के कई ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें खुलासा हुआ था कि इसकी कई टाउनशिप में अवैध रूप से काला धन खपाया गया है। साथ ही शेल कंपनियों के नाम पर रजिस्टर में कई लेनदेन होने की बात भी सामने आई थी। आईटी की छापेमारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी MI बिल्डर्स पर शिकंजा कस दिया। ED की जांच में खुलासा हुआ है कि बिल्डर को अर्जुनगंज में हाईटेक टाउनशिप बनाने के लिए जिस जमीन का लाइसेंस दिया गया वह सेना के डेंजर जोन में है। इसके बावजूद नियमों को दरकिनार कर तत्कालीन एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने MI बिल्डर्स को लाइसेंस दे दिया। इसके दो साल बाद आवास विकास ने भी बिल्डर को NOC जारी कर दी। इस खुलासे के बाद अब IAS सत्येंद्र सिंह पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। सूत्रों का कहना है कि उन पर भी अब गाज गिर सकती है।

एलडीए और आवास विकास ने की लापरवाही

अर्जुनगंज में MI बिल्डर्स को टाउनशिप विकसित करने के लिए एलडीए ने लाइसेंस दे दिया। सबसे बड़ी लापरवाही यहीं पर सामने आई। इसके बाद आवास विकास ने भी बिना किसी आपत्ति के बिल्डर को NOC जारी कर दी। जबकि कई वर्षों पहले से अर्जुनगंज में कैंट की भूमि है। इस पर सेना की फायरिंग रेंज है। नियमित रूप से सैनिक यहां फायर आर्म्स की ट्रेनिंग करते हैं। पिछले महीने ED अधिकारियों ने भी भूमि का सर्वे किया था। इसमें सामने आया कि आवास विकास के अधिकारियों ने गलत ढंग से NOC जारी की है।

अधिकारियों से हो सकती है पूछताछ

बिल्डर को लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी हुई है। यह लाइसेंस तत्कालीन एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह के कार्यकाल में जारी किया गया था। इसके अलावा आवास विकास ने भी गलत तरीके से NOC जारी की थी। ED सूत्रों के अनुसार अब जांच की सुई उस दौरान एलडीए और आवास विकास में तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ घूम गई है। जांच के क्रम में ED जल्द ही पूछताछ के लिए संबंधित अधिकारियों को भी तलब कर सकती है। इसमें सबसे बड़ा नाम तत्कालीन एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह का सामने आ रहा है। सूत्रों की माने तो दोषी पाए जाने पर तत्कालीन एलडीए वीसी समेत अन्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए भी ED संस्तुति कर सकती है।

इनकी शिकायत के बाद शुरू हुई जांच

व्यवसायी धन प्रकाश बुद्धिराजा ने शासन से इस मामले की शिकायत की थी। जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। शिकायत में ED समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों से मामले की जांच करने की मांग की गई थी। इसी के बाद ED ने जांच शुरू की। इसमें फर्जीवाड़ा सामने आया। अब MI बिल्डर के काले कारनामों की जांच IT के साथ ही ED की टीम भी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद से कई अधिकारियों, नेताओं और बड़े बिजनेस मैन के होश उड़े हुए हैं क्यों कि MI के कई प्रोजेक्ट्स में इनकी काली कमाई इन्वेस्ट की गई है।

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