Lucknow News : महाकुंभ में लगेगा कैलाश मानसरोवर शिविर, एनआरआई हरि गुप्ता करेंगे रहस्यों का पर्दाफाश
Lucknow News : दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा ने कहा कि हरि गुप्ता ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है। कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है।;
Lucknow News : महाकुंभ में एनआरआई हरि गुप्ता द्वारा कैलाश यात्रा शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही इस शिविर में यात्रा से जुड़ी समस्याओं और वहां के रहस्यों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। इस शिविर में देश और विदेश से कई मशहूर हस्तियों, अधिकारियों और सफल व्यवसायियों के शामिल होने की उम्मीद है।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा ने कहा भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक देश हैं, जो वैश्विक रूप से सभी देशों का अगुआ भी है। उन्होंने कहा कि हरि गुप्ता ने यह जो प्रकल्प छेड़ा है। कैलाश मुक्ति अभियान वास्तव में ही बहुत प्रेरणादायक एवं एक अरुण संकल्प है। उन्होंने कहा कि आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि बहुत जल्द ही सभी भारतीयों को, जो देश-विदेश में जहां जाएं उन्हें अपने आराध्य देव के दर्शन सुगम रूप से उपलब्ध हो सकें।
कैसे मिटेगी आध्यात्मिक भूख?
उन्होंने कहा कि यह एक विडंबना है कि पिछले 5 सालों से भारतीय पासपोर्ट धारकों को मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं है, जबकि अन्य देशों के नागरिक आसानी से वहां जा सकते हैं। किसी भी सरकार द्वारा किसी भी कारण से हिंदू धर्म की तीर्थयात्रा को रोकना उचित नहीं है। यह हिंदू शिवभक्तों के मानवाधिकारों के खिलाफ है। जबकि भारत सरकार ने 50 किलोमीटर दूर से कैलाश पर्वत को देखने के लिए कुछ मार्ग बनाए हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा है जैसे भोजन की थाली को देखना, लेकिन उसे सूंघना, छूना, महसूस करना या खाना नहीं। जब भोजन को देखकर सामान्य भूख नहीं मिटती है तो 50 किलोमीटर दूर से उसे देखने से आध्यात्मिक भूख कैसे मिटेगी।
उन्हाेंने कहा कि भले ही यात्रा की अनुमति मिल गई हो, लेकिन वास्तविक यात्रा से भारतीय यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा। उन्हें अभी भी कैलाश की यात्रा के लिए नेपाल और उसके मागों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत से पिथौरागढ़ या सिक्किम के रास्ते बहुत लंबे और उबड़-खाबड़ रास्ते हैं। हरि गुप्ता दिल्ली से कैलाश के लिए सीधी चार्टर उड़ानें शुरू करने के इच्छुक हैं और एयरलाइन ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं। दिल्ली से कैलाश तक की केवल 500 किमी की उड़ान है।
अमरजीत ने बताया कि आचार्य हरि गुप्ता विदेश में 30 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं और एक सफल व्यवसायी हैं। उन्होंने भोलेनाथ के कई बार दर्शन भी किए हैं और कैलाश मुक्ति के लिए आवश्यक कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। वे इस अनुभव को भोलेनाथ की लीला के रूप में भी लिख रहे हैं।
मानसरोवर के कई रहस्य बताए
आचार्य हरि गुप्ता ने कहा कि कैलाश न केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह सिख, जैन और बौद्धों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु गुरुनानक जी ने भी कैलाश की यात्रा की थी।
उन्होंने कहा कि अद्भुत शिव मंदिर हैं, जो पहाड़ पर है, यहां सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। इसके एक तरफ पानी का झरना है। इसकी परिक्रमा के चारों ओर गहरी घाटी है। भक्तों को खीर का प्रसाद दिया जाता है। यहां आगंतुकों को कभी-कभी चार काले कुत्ते भी दिखाई देते हैं, जिन्हें चार वेदों का प्रतीक माना जाता है। मंदिर को हर साल पशुपति नाथ मंदिर से पहला एकमुखी रुद्राक्ष भी मिलता है, जिस पर नेपाल के राजा का पहला अधिकार होता है।
हरि गुप्ता ने कहा कि कुछ साल पहले कैलाश की यात्रा करने वाले संजय जैन ने उन्हें मानसरोवर ताल के बारे में कुछ रहस्य भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि मानसरोवर झील में कई पत्थर हैं, जिन पर ओम, सांप या डमरू के प्राकृतिक निशान हैं। उन्होंने न केवल उन्हें अपनी आंखों से देखा है, बल्कि उन्हें अपने साथ भी लाया है। सत्यापन के लिए दिल्ली में भी ऐसे दो पत्थर उपलब्ध हैं।
यह शिविर हमारी संस्कृति और मूल्यों को देगा बढ़ावा
सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया ने कहा कि कैलाश मानसरोवर शिविर हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देगा और उसमें सभी प्रकार से सहयोग करने की बात कही। इस अवसर पर बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी एनआरआई द्वारा कैलाश मुक्ति अभियान के बैनर तले इतने बड़े अभियान का बीड़ा उठाना अपने आप में ही अद्भुत और साहस व लगन का विषय है। उन्होंने कहा कि 15 से 20 देशों के भारतीयों को एक बैनल तले लाना और अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए भगवान शिव के लिए संघर्ष शुरू करना प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जो भी योगदान हमारा हो सकता है, हम करेंगे।
शिविर में चर्चित भारतीय फिल्म निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के ट्रस्टी अमरजीत मिश्रा और मशहूर व्यवसायी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर हलवासिया मौजूद रहेंगे।