UP News: सरकारी डॉक्टरों की 'Private Practice' पर लगेगी रोक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को सुनाया आदेश
UP Doctor News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अहम आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश दिया है।;
UP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की ओर से की धडल्ले से की जा रही प्राइवेट प्रैक्टिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अहम आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। आपको बताते चलें कि यह आदेश 1983 के शासनादेश के कड़ाई से पालन को सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है। इस आदेश के तहत राज्य मेडिकल कॉलेजों, प्रांतीय चिकित्सा सेवाओं और जिला अस्पतालों में काम करने वाले सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करने का निर्देश दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया आदेश
आपको बताते चलें कि ये पूरा मामला मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में गुर्दा रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. अरविंद गुप्ता की ओर से दायर की गई याचिका से जुड़ा हुआ है। याचिकाकर्ता डॉक्टर ने अपनी याचिका में प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ अदालत में अपनी आपत्ति दर्ज की थी लेकिन मामला बिगड़ता देख याचिकाकर्ता डॉक्टर ने अर्जी वापस लेने की याचिका भी दाखिल की, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका वापस लेने की अर्जी को नामंजूर कर दिया था। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह अहम आदेश सुनाया।
ऐसे डॉक्टरों की वजह से सरकारी अस्पतालों में इलाज की स्थिति कमजोर: HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवई करते हुए साफ किया कि प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों की ओर से सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को नर्सिंग होम या प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इसी वजह से सरकारी अस्पतालों में इलाज की स्थिति बेहद कमजोर होती जा रही है और मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर किया जा रहा है। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर प्रदेश सरकार को आदेश जारी करने के साथ साथ राज्य सरकार से इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है और 10 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई तय की है।