Lucknow News: 'लेखपाल दोस्त ने सचिवालय में नौकरी दिलाने के दिखाए सपने... ठग लिए 2 लाख रुपए' लखनऊ से हुआ फरार

Lucknow News: पीड़ित वीरेंद्र ने बताया कि साल 2024 में सचिन ने कॉल करके सचिवालय में वैकेंसी होने की बात बताई। सचिन का कहना था कि इस सरकारी नौकरी के लिए अधिकारी को 4 लाख रुपये देने होंगे।;

Update:2025-03-31 12:09 IST

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Lucknow News: राजधानी लखनऊ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का एक बड़ा मामला सामने आया। लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक ने बताया कि उसके लेखपाल दोस्त ने सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर 2 लाख रुपए थी ठगी कर ली। बार बार पीड़ित की ओर से जब नौकरी या दिए गए रकम की मांग की गई तो आरोपी लेखपाल दोस्त ने अपना ट्रांसफर सीतापुर में करा लिया। तब से लगातार वह सरकारी नौकरी दिलाने की बात कहकर टरका रहा है। पीड़ित का कहना है कि जल्द ही वे इस मामले में पुलिस को तहरीर देंगे। 

9 साल पहले कोचिंग क्लासेज में हुई थी मुलाकात

लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले वीरेंद्र कुमार ने बताया कि वे एक प्राइवेट कंपनी में 12 से 13 हजार रुपये में जॉब करते हैं। साल 2016 में हजरतगंज में SI की क्लासेज करते थे। यहीं उनकी मुलाकात सचिन वर्मा से हुई। सचिन की उसी साल लखनऊ स्थित इंदिरा भवन के चकबंदी विभाग में लेखपाल के पद पर नौकरी लग गई। जिसके चलते सचिन ने सभी मिठाई खिलाकर क्लासेज से विदाई ले ली। तब से लगातार सचिन वर्मा से whats App और फ़ोन के जरिये बात होती रहती थी। 

2024 में सचिवालय में नौकरी लगवाने के लिए आया कॉल, 4 लाख की रखी डिमांड

पीड़ित वीरेंद्र ने बताया कि साल 2024 में सचिन ने कॉल करके सचिवालय में वैकेंसी होने की बात बताई। सचिन का कहना था कि इस सरकारी नौकरी के लिए अधिकारी को 4 लाख रुपये देने होंगे। लाख मिन्नतों के साथ सचिन ने बातचीत करते हुए 2 लाख में नौकरी दिलाने की बात फाइनल कर दी। पीड़ित के अनुसार, उसने अपनी सैलरी के साथ साथ लोगों से पैसे ले लेकर किसी तरह 2 लाख रुपये जोड़े और थोड़ा थोड़ा करके सचिन के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। इसके साथ ही मांगे गए सभी जरूरी दस्तावेज भी सचिन को भेज दिए गए। 

अधिकारी के छुट्टी होने की बात कहकर 1 साल तक घुमाया, फिर ले लिया ट्रांसफर

पीड़ित के मुताबिक, आरोपी लेखपाल सचिन वर्मा को कई बार नौकरी के लिए बोला गया लेकिन वह हर बार अभी काम चल रहा है, कभी 1 हफ्ते में क्लियर हो जाएगा कि बात कहकर टरका देता। इतना ही नहीं कई बार तो अधिकारी के छुट्टी पर होने की बात कहकर 1 साल तक टाला गया। पीड़ित ने बताया कि हाल ही उसने पता लगाया तो पता चला कि सचिन वर्मा का सीतापुर ट्रांसफर हो गया है। इस जानकारी के मिलने के बाद से सचिन की ओर से नौकरी या रकम वापसी को लेकर कोई अपडेट नहीं दिया जा रहा है।

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