Lucknow News: लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में अंसल API के खिलाफ दर्ज हुईं 3 और FIR, करीब 7 करोड़ की ठगी का लगा आरोप
Lucknow News: लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज हुए मुकदमों अंसल पर करीब 7 करोड़ की धोखाधड़ी व ठगी का आरोप लगाया गया है।;
Lucknow News
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिखाई गई सख्ती के बाद अंसल प्रॉपर्टीज पर कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया। हर सप्ताह दर्जनों की संख्या में दर्ज हो रहे मुकदमों के बीच लखनऊ में अंसल API के निदेशकों और कर्मचारियों खिलाफ 3 और मुकदमे दर्ज हो गए हैं। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज हुए मुकदमों अंसल पर करीब 7 करोड़ की धोखाधड़ी व ठगी का आरोप लगाया गया है। लखनऊ, गाजियाबाद समेत अन्य जिलों में जैसे जैसे मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही है। वैसे वैसे अंसल की मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।
विभूतिखंड निवासी महिला ने फर्जी दस्तावेज दिखाकर सवा 6 करोड़ की ठगी का लगाया आरोप
लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज हुई टीमों FIR में एक मुकदमा लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र की रहने वाली सुनीता अग्रवाल का है। सुनीता की ओर से थाने में दी गई तहरीर में बताया गया है कि अंसल API के निदेशक सुशील अंसल व प्रणव अंसल ने अपनी कम्पनी के कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज दिखाकर महिला से सवा 6 करोड रुपए ठग लिए।
पीड़ित महिला के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने एक जमीन पर निवेश करने पर 10 गुना फायदा होने का दावा किया था। अंसल से जुड़े दोनों आरोपियों के बहकावे में आकर एक एग्रीमेंट के तहत साल 2013-14 में 6.15 करोड़ रुपए दोनों के माध्यम से अंसल कंपनी को दे दिए। कुछ समय बाद उस जमीन के विवादित होने की जानकारी मिली। बाद में जानकारी हुई जमीन विवादित है। कई बार मुलाकात करके पैसा या जमीन वापस मांगी गई लेकिन कम्पनी की ओर से कोई पैसा या जमीन नहीं दी गई।
प्रयागराज की महिला ने प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए 9 साल तक काटे चक्कर
इसी कड़ी में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज होने वाला मुकदमा प्रयागराज की रहने वाली सुषमा सिंह की तहरीर पर लिखा गया है। तहरीर में सुषमा ने बताया कि उन्होंने अंसल API में प्लॉट बिक्री की जानकारी होने पर प्रयागराज मोलीलाल नेहरु प्रोद्योगिक संस्थान के स्टाफ कालोनी में रहने वाले मामा अजय कुमार सिंह के साथ एक प्लॉट बुक कराया था। प्लॉट की बुकिंग के लिए अंसल कंपनी को साल 2010 के 21 अप्रैल को चेक के जरिये 15 लाख रुपए दिए गए थे। पीड़िता के अनुसार, अंसल कंपनी की ओर से 18 महीने के भीतर भीतर प्लॉट की रजिस्ट्री की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुई। हालांकि, करीब नौ साल तक चक्कर काटने व रजिस्ट्री का इंतजार करने के बाद साल 2019 के जनवरी में उत्तर प्रदेश रेरा (RERA) में भी इस घटना की शिकायत की गई।
इसी प्रकार तीसरी शिकायत शारदा नगर के रहने वाले राकेश कुमार दीक्षित ने दर्ज कराया है। उनका कहना है कि उन्होंने साल 2011 के 3 फरवरी को अग्रवाल फर्मा से एक फ्लैट खरीदा था, जिसे अग्रवाल फर्मा ने 9 दिसंबर 2010 को फ्लैट वायर्स एग्रीमेन्ट के तहत बुक करके रखा था। इस फ्लैट के लिए उन्होंने साल 2010 के 9 दिसंबर से लेकर साल 2013 के 21 मई तक 6.41 लाख रुपए जमा किए। आरोप है कि कंपनी ने 12 साल बीत जाने के बाद भी न ही फ्लैट दिया और न ही पैसे लौटाए।