Lucknow News : 'नरसिंहानंद का बयान पूरे मुस्लिम समाज का अपमान', पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर बोले अनीश मंसूरी

Lucknow News : पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा की शान में यति नरसिंहानंद की गुस्ताखी असहनीय है।

Update:2024-10-09 17:27 IST

Lucknow News : पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा की शान में यति नरसिंहानंद की गुस्ताखी असहनीय है। उन्होंने कहा कि नफरती यति नरसिंहानंद द्वारा इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद की शान में कहे गए निंदनीय शब्द न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले असहनीय हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे बदजुबान व्यक्ति पर एनएसए के तहत मुक़दमा चलाना चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिक्रिया में विश्व भर के मुसलमान भड़क गए तो पूरे देश की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है और इसका जिम्मेदार यति नरसिंहानंद होगा। अनीस मंसूरी ने कहा कि इस्लाम की अवधारणा स्पष्ट है कि सभी धर्मों के जो पवित्र हस्तियां हैं, चाहे हम उन पर विश्वास रखते हों या न रखते हों, लेकिन हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम उनका सम्मान करें, उनका अनादर करने से बचें और उनके अनुयायियों के दिलों को ठेस पहुँचाने से बचें।

उन्होंने कहा कि इस्लाम एक खुदा में विश्वास रखता है, मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखता है, लेकिन जिन देवी-देवताओं को दूसरे समुदाय पूजते हैं, कुरान मजीद में उन्हें बुरा भला कहने से मना किया गया है। यह है धर्म, अक़ीदा और धर्म के मामले में वह सही मार्ग, जिससे समाज में शांति व्यवस्था कायम रह सकती है और जो समाज के सभी वर्गों को जोड़ सकता है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि यह एक सिरफिरे व्यक्ति का बयान है। यह आम देशवासियों की यह सोच नहीं है।

सजा देने की मांग

उन्होंने कहा कि हमारे देश में आज भी ऐसे हमवतनी भाई हैं, जिन्होंने पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब की जीवनी लिखी है। जिन्होंने हज़रत मोहम्मद साहब के सम्मान में नातिया कलाम कहा है, हमारे सामने महात्मा गांधीजी की शिक्षाएं हैं, जिन्होंने हज़रत मोहम्मद साहब के जीवन को आज की मानवता के लिए एक आदर्श बताया है। इसलिए अगर कोई सिरफिरा और बदजुबान शख्स अपनी जुबान की गन्दगी को बेतुकी और बेहूदा बातें करके दिखाता है तो यह नहीं समझना चाहिए कि यह देश के सभी हमवतनी भाइयों की यही सोच है, बेशक हमें भी इस घटिया भाषा के विरुद्ध क़ानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। इसके साथ ही सरकार से इस व्यक्ति को सही मायने में सजा देने की मांग करनी चाहिए।

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