Lucknow Metro: मटैलिक मांझे से पतंगबाजी पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी, मेट्रो सेवाओं को खतरा, UPMRC ने लोगों से की अपील

लखनऊ मेट्रो मुंशीपुलिया से सीसीएस एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन के बीच मटैलिक मांझे से पतंगबाजी के कारण मेट्रो सेवाओं में लगातार रुकावटें आ रही हैं।;

Report :  Virat Sharma
Update:2025-02-05 19:56 IST

Lucknow News: Photo-Social media        

Lucknow News: लखनऊ मेट्रो के नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर मुंशीपुलिया से सीसीएस एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन के बीच मटैलिक मांझे से पतंगबाजी के कारण मेट्रो सेवाओं में लगातार रुकावटें लगातार आ रही हैं। लखनऊ मेट्रो के अधिकारी पहले ही मेट्रो कॉरिडोर के आस-पास पतंगबाजी करने वालों को जागरूक कर चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग मेट्रो कॉरिडोर के पास मटैलिक मांझे से पतंगबाजी कर रहे हैं, जिससे न केवल मेट्रो की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, बल्कि मेट्रो संपत्ति को भी नुकसान पहुंच रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए मेट्रो प्रशासन ने अब सख्त निगरानी शुरू कर दी है और बुधवार से आलमनगर आलमबाग से मटैलिक मांझे के खिलाफ अभियान भी चला दिया गया है।

पतंगबाजी पर कड़ी कार्रवाई

मेट्रो कॉरिडोर के आस-पास पतंग उड़ाने को मेट्रो रेलवे एक्ट 2017 के तहत दंडनीय अपराध माना जाता है। इस कानून की धारा 78 और 82 के तहत मेट्रो संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर 10 साल की सजा और बिना वारंट गिरफ्तारी का प्रावधान है। इसके साथ ही, मेट्रो सेवा पर पतंगबाजी का असर न केवल ट्रेन की रफ्तार को रोकता है, बल्कि इससे बिजली आपूर्ति में भी बाधा आती है। मटैलिक और चाइनीज मांझे से पतंगबाजी करने से पतंग उड़ाने वालों की जान को भी खतरा हो सकता है।

ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर से खतरा

लखनऊ मेट्रो के ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (OHE) में 25 हजार वोल्ट (25 kV) की बिजली की आपूर्ति होती है। मटैलिक मांझे से पतंग उड़ाने के कारण यह हाई-वोल्टेज की बिजली के संपर्क में आ सकते हैं, जिससे पतंग उड़ाने वालों को बिजली का झटका लग सकता है। यह झटका जानलेवा भी हो सकता है। यह समझना जरूरी है कि मेट्रो ट्रेनें जब भी बंद हों रात साढ़े दस बजे से सुबह 6 बजे तक ओवरहेड तारों में करंट जारी रहता है, जिससे हर वक्त खतरा बना रहता है।

जिम्मेदार नागरिकों से अपील

यूपीएमआरसी सभी स्थानीय लोगों से सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो कॉरिडोर के आस-पास पतंगबाजी बंद करने की अपील की है। मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि यह एक दंडनीय अपराध है, जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है और जानमाल का खतरा भी पैदा करता है। नागरिकों से यह भी कहा गया है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंगबाजी करने से बचें। 

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