Lucknow News: लखनऊ के स्मारकों में नहीं होंगे कार्यक्रम, सीएम योगी ने समिति का रद्द किया फैसला

Lucknow News: शऩिवार को बोर्ड ने मायावती शासनकाल में राज्य में बने स्मारकों को सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों के लिए किराए पर देने का फैसला किया था। दलील थी कि इससे आमदनी होगी और स्मारकों के रखरखाव के खर्च में उसका इस्तेमाल होगा।

Update:2023-06-18 09:32 IST
Lucknow News (Photo: Social Media)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश स्मारक समिति बोर्ड को अपने एक दिन पुराने फैसले से पलटना पड़ा है। शऩिवार को बोर्ड ने मायावती शासनकाल में राज्य में बने स्मारकों को सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों के लिए किराए पर देने का फैसला किया था। दलील थी कि इससे आमदनी होगी और स्मारकों के रखरखाव के खर्च में उसका इस्तेमाल होगा। लेकिन सूबे के मुखिया को स्मारक समिति का ये फैसला रास नहीं आया। खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर की है। जिसके बाद समिति ने स्मारकों को किराए पर उठाने का फैसला रद्द कर दिया है।

एक दिन पहले यानी शनिवार को स्मारक समिति के प्रबंधक आशीष ने बताया था कि स्मारक समिति की आय बढ़ाने के लिए बोर्ड द्वारा यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा था कि अब सर्वे कर स्मारकों में इन आयोजनों के लिए जगह आरक्षित करने के साथ ही बुकिंग के लिए शुल्क की दरें तय की जाएंगी। इसके लिए जल्द ए कमेटी का गठन किया जाएगा। लेकिन इससे पहले की बात आगे बढ़ती मुख्यमंत्री के नाराजगी के कारण बोर्ड को पीछे हटना पड़ा।

किस जगह कितने स्मारक

बसपा शासनकाल में यूपी में लखनऊ और नोएडा में भव्य पार्क बनाए गए थे। स्मारक समिति बोर्ड के अंतर्गत राजधानी लखनऊ के 4 और नोएडा के 2 पार्क आते हैं। लखनऊ स्थित डॉ अंबेडकरनगर पार्क 178 एकड़ में फैला हुआ है। इसके अलावा कांशीराम इको गार्डन, रमाबाई स्मारक और बौद्ध विहार भी राजधानी में ही स्थित हैं। स्मारक बोर्ड ने यहां लगी मूर्तियों के रखरखाव के लिए 4 करोड़ रूपये का बजट मंजूर किया है।

प्रवेश शुल्क हुआ महंगा

स्मारक समिति बोर्ड ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी पार्कों में प्रवेश शुल्क महंगा कर दिया है। अभी तक सभी जगह प्रवेश शुल्क 15 रूपये था, जो बढाकर 20 रूपया कर दिया गया है। अभी तक पार्कों और स्मारकों में सुबह-शाम टहलने के लिए 200 रूपये का मासिक पास बनता था। मगर अब इसके लिए 200 रूपये अधिक यानी कुल 400 रूपये खर्च करने होंगे। वहीं, 600 रूपये में बनने वाली छमाही पास अब 1200 रूपये में बनेगा। बोर्ड ने कहा कि रखरखाव में बढ़ रही लागत को ध्यान में रखते हुए शुल्क में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है।

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